कृषि यंत्र बैंक संचालित कर आधुनिक कृषि को बढ़ावा दे रही हैं जीविका दीदियां
बेगूसराय, 30 सितम्बर (हि.स.)। आत्मनिर्भरता के लिए शुरू की गई जीविका योजना ना केवल ग्रामीण महिलाओं के अर्थोपार्जन का नया अध्याय बन गया है, बल्कि इस अभियान ने महिलाओं में छुपी प्रतिभा और परिवार के समर्पण को भी मूर्त रूप दिया है। उन्नत खेती के लिए भी जीविका से जुड़ी महिलाएं गंभीरता पूर्वक कार्य कर रही है।
कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने तथा आधुनिक तरीके से खेती कर अधिक उत्पादन के साथ जीविका दीदियों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने को लेकर जीविका द्वारा कृषि यंत्र बैंक का संचालन किया जा रहा है। इस योजना द्वारा खेती-किसानी में जीविका दीदियों को काफी मदद मिलती ही है। वहीं कृषि यंत्र बैंक से जीविका दीदियों के आय का सृजन भी होता है।
जीविका द्वारा संपोषित कृषि यंत्र बैंकों द्वारा कृषि गतिविधियों से जुड़ी जीविका दीदियों एवं उनके परिजनों को बाजार से कम दर पर विभिन्न कृषि यंत्रों को भाड़े पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। एक समय था जब ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के उत्पादन कम होने के अनेक कारण थे। समुचित कृषि यंत्रों का स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं होना एवं किसानों की जरुरत के समय उपकरणों तक उनकी पहुंच नहीं होना प्रमुख कारणों में था।
अधिकांश छोटे किसानों के पास अपने कृषि उपकरण नहीं होते थे और इसके लिए उन्हें इसे संपन्न किसानों से मांगना या किराये पर लेना होता था। यह आवश्यक यंत्र छोटे किसानों को तब उपलब्ध होते थे, जब संपन्न किसानों को इसकी आवश्यकता नहीं रह जाती थी। इस तरह की निर्भरता के कारण छोटे एवं सीमांत किसानों को कृषि कार्यों में विलंब होता था, जिसका बुरा असर उनके फसलों के उत्पादन पर पड़ता था।
उपकरणों का मूल्य ज्यादा होने के कारण छोटे किसान आर्थिक समस्या के कारण इसे खरीद भी नहीं पाते थे और खेती संबंधी उनकी समस्या बनी रहती थी। इस कारण से संस्थागत स्तर पर आपसी समन्वय कर उपकरणों की खरीद एवं इसका उपयोग एक अच्छा विकल्प हो सकता है के विचार को जीविका ने आत्मसात किया। इसी सोच का परिणाम है कि जिले में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हुई।
इस कार्य में जीविका को कृषि विभाग का साथ मिला और वैसे जीविका परिवार जो किसानी करते हैं, उनके लिए कृषि यंत्र बैंक काफी मददगार साबित हो रही है। कृषि यंत्र बैंक की सामुदायिक स्तर पर स्थापना भी इन्हीं प्रयासों में एक कड़ी के रूप में की गई। जहां से छोटे किसानों को कृषि उपकरण समय पर एवं सस्ते दरों पर उपलब्ध होते हैं।
आज बेगूसराय के 13 प्रखंडों में 25 कृषि यंत्र बैंकों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें छौड़ाही, डंडारी, मटिहानी एवं मंसूरचक में तीन-तीन, साहेबपुर कमाल, बछवाड़ा, शाम्हो एवं सदर प्रखंड में दो-दो तथा बलिया, वीरपुर, तेघड़ा, खोदावंदपुर एवं गढ़पुरा में एक-एक कृषि यंत्र बैंकों का संचालन जीविका के संकुल स्तरीय संघ या ग्राम संगठन द्वारा किया जा रहा है। कृषि यंत्र बैंक में समूह की जीविका दीदियां ग्राम संगठन के माध्यम से आवेदन देती हैं और उपलब्धता के आधार पर उन्हें संयंत्र उपलब्ध करवाया जाता है।
इस आवेदन की इंट्री ग्राम संसाधन सेवी द्वारा सीएचसी एप पर किया जाता है। हालांकि कृषि यंत्र बैंक के उपकरणों का उपयोग क्षेत्र के अन्य किसान भी करते हैं। लेकिन जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़े सदस्यों को प्राथमिकता दी जाती है। अन्य किसानों को भी ''पहले आओ पहले पाओ'' के आधार पर यह सुविधा प्रदान की जाती है। केन्द्रों में ट्रैक्टर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, रोटावेटर, जीरो टिलेज, पॉवर रीपर, पॉवर स्प्रेयर, पंपसेट सहित अन्य कृषि कार्य से जुड़े उपकरण उपलब्ध हैं।
यंत्रों के संचालन के लिए संकुल संघ द्वारा भाड़े पर चालक को रखा जाता है। इससे भी स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होता है। जीविका परियोजना कृषि संयंत्रों से संबंधित कृषि यंत्र बैंक की स्थापना कर गरीब परिवारों तक कृषि यंत्रों की समय पर पहुंच सुनिश्चित कर रही है। इन यंत्रों के उपयोग से जीविका दीदियों को कठिन परिश्रम से भी छुटकारा मिल रहा है एवं संचालक सामुदायिक संघ इससे आर्थिक रूप से भी लाभ में हैं।
मंसूरचक प्रखंड में भविष्य संकुल स्तरीय संघ द्वारा कृषि यंत्र बैंक का संचालन 2020 से किया जा रहा है। इस केन्द्र के लाभार्थियों दीदियों की संख्या 85 है। इस केन्द्र में ट्रैक्टर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, रोटावेटर, जीरो टिलेज, पॉवर रीपर, पॉवर स्प्रेयर, पंपसेट आदि कृषि यंत्र उपलब्ध हैं। इन यंत्रों के रख-रखाव के लिए जहां भाड़े का मकान है, वहीं संचालन के लिए चालक भी उपलब्ध है। स्थानीय स्तर पर यंत्रों की काफी मांग है। यही कारण है कि सभी तरह के खर्चों को काटकर मंसूरचक में संचालित यंत्र बैंक लाभ में है। इस यंत्र बैंक का शुद्व लाभ एक लाख से ज्यादा है।
मटिहानी प्रखंड में संचालित परिवर्तन कृषि यंत्र बैंक ने स्थानीय जीविका दीदियों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। दीदियों द्वारा यंत्र बैंक से बाजार से कम दर पर विभिन्न कृषि उपकरण प्राप्त कर उसका उपयोग कृषि कार्य में कर रहे हैं, जिससे उन्हें काफी लाभ हो रहा है। ट्रैक्टर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, रोटावेटर, जीरो टिलेज, पॉवर रीपर, पॉवर स्प्रेयर पंपसेट आदि कृषि यंत्र बैंक उपलब्ध हैं। यही नहीं परिवर्तन सीएलएफ इस गतिविधि से आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रही है। इस कृषि यंत्र बैंक द्वारा अबतक 50 हजार से ज्यादा का लाभ प्राप्त कर लिया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

