सत्याग्रह और अहिंसा के मार्ग पर चलकर जुल्म से लड़ना सिखाती है पूर्वी चंपारण की धरती : मनीष वर्मा

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सत्याग्रह और अहिंसा के मार्ग पर चलकर जुल्म से लड़ना सिखाती है पूर्वी चंपारण की धरती : मनीष वर्मा


पूर्वी चंपारण/पटना, 14 अक्टूबर (हि.स.)। पूर्वी चंपारण में आज जदयू द्वारा आयोजित कार्यकर्ता समागम का आयोजन किया गया। कार्यकर्ता समागम एमएस कॉलेज में संपन्न हुआ। इस मौके पर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चंपारण की धरती भारतीय इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। सत्याग्रह करना और अहिंसा के साथ जुल्म से लड़ना, यह सिखाने वाली धरती का नाम है पूर्वी चंपारण।

मनीष वर्मा ने कहा कि 'सत्याग्रह' के पहले स्थान होने का गौरव इसी चंपारण की भूमि को प्राप्त है। महात्मा गांधी ने सत्याग्रह के लिए इस चंपारण की धरती को ही चुना। यह धरती बापू की कर्मभूमि रही है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हम ऐसे पवित्र स्थान के वासी हैं। जदयू बापू को आदर्श मानकर चलने वाली पार्टी है। हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बापू के सच्चे अनुयायी हैं। जदयू पांच आदर्श पुरुषों के सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी है, उनमें से महात्मा गांधी एक हैं। यही कारण है कि हमारी पार्टी निरंतर विस्तार की ओर अग्रसर है।

मनीष वर्मा ने कहा कि 2005 के पहले के बिहार को याद करिए यहां बाहुबलियों का शासन था। पूरा गुंडाराज फैला हुआ था। बच्चों और महिलाओं की हत्यायें सामान्य बात थी। कब किसकी जान चली जाए, यह कल्पना नहीं की जा सकती थी। बिहार में किस प्रकार का जंगलराज था, यह किसी से छिपा नहीं है। बहन-बेटियां कितनी असुरक्षित थी, कोई अपने बच्चों को शाम को घर से बाहर नहीं छोड़ना चाहता था। आज वही बिहार है जहां हमारी बहन-बेटियां रात के 12 बजे भी निश्चिंत होकर बाहर घूम रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार का पुनर्विकास मात्र केवल नीतीश कुमार ही कर सकते हैं। 20 वर्ष पहले बिहार की क्या स्थिति थी, हम सबको पता है। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा को अनिवार्य किया। महिलाओं को आरक्षण दिया। बेटियों के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं लागू की।

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव वर्मा ने कहा कि बिहार के परिवर्तन में जदयू के प्रत्येक कार्यकर्ता का योगदान है। यह सरकार या पार्टी मात्र एक हमारे नीतीश कुमार के नाते ही नहीं चल रही है, बल्कि उनके नेतृत्व में प्रत्येक कार्यकर्ता के समर्पण से चल रही है। वहां उपस्थित सभी वरिष्ठ जनों से उन्होंने आग्रह किया कि अपने 30-35 साल से पार्टी को लगातार मजबूत करने का काम किया है। अब आगे 50 साल हमारी पार्टी कैसे चले, उसके लिए हमें मार्गदर्शक की भूमिका में रहकर, ज्यादा से ज्यादा युवाओं को पार्टी से जोड़ने की आवश्यकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

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