पर्यावरण समिति की बैठक में प्रदूषण रोकने की कार्रवाई के निर्देश
बेगूसराय, 09 नवम्बर (हि.स.)। समाहरणालय स्थित कारगिल भवन में डीएम रोशन कुशवाहा की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में नगर आयुक्त, डीडीसी, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी, एनएचएआई के प्रतिनिधि, एनटीपीसी एवं आईओसीएल के प्रतिनिधि सहित अन्य उपस्थित थे।
बैठक में डीएम ने बताया कि अभी ठंड का मौसम शुरू हो रहा है, जिसमें प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। इसे रोकने के लिये सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य कराना होगा। उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट एवं नेशनल ग्रीन प्राधिकरण के निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन करने सहित अन्य दिशा-निर्देश दिया है।
डीएम ने बताया कि पी.एम. 2.5 आकार के प्रदूषक तत्व हमारे लिए सबसे अधिक खतरनाक हैं तथा इसे रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए जिले में जहां कहीं भी कूड़े को जलाया जा रहा है, उसे तुरंत बुझाया जाए। निर्माण कार्य स्थल पर धूल को रोकने के लिये पर्दे का उपयोग किया जाए। इन निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर जुर्माना लगाने के अलावा एफआईआर भी कराया जा सकता है।
अस्पताल से निकलने वाला प्लास्टिक कचरे का सही से निस्तारण नहीं करने पर अस्पतालों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने एनएचएआई एवं आईओसीएल द्वारा कराए जा रहे निर्माण के कारण हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिये संबंधित अधिकारी को कड़ी चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि तुरंत प्रदूषण रोकने की दिशा में कार्य करें। खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि ईंट भट्टों एवं बालू कारोबारियों के द्वारा की जाने वाली प्रदूषणों पर तुरंत लगाम लगाएं।
डीएम ने निर्देश दिया कि जिले में चल रहे ढ़ाबे एवं चाय की दुकानों में प्रदूषण उत्पन्न करने वाले कोयले के उपयोग को रोका जाए। इसके लिए सभी अपने स्तर से कारवाई करें। डीएम ने सुझाव दिया कि बायो ड्रिग्रेडेबल कचड़ा को कम्पोस्ट गड्ढे की मदद से जैविक खाद में बदला जा सकता है। कचरे को वेस्ट प्रोसेसिंग इकाई की मदद से सुरक्षित ढंग से निस्तारण किया जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा
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