इंद्रधनुष साहित्य परिषद ने मनाई साहित्यकार जयशंकर प्रसाद की जयंती
अररिया 30जनवरी(हि.स.)। फारबिसगंज प्रोफेसर कॉलनी स्थित पी डब्लूडी के प्रांगण में सोमवार को इन्द्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में साहित्यकार जयशंकर प्रसाद की जयंती मनाई गई।अध्यक्षता बाल साहित्यकार हेमन्त यादव ''शशि'' ने की।इस मौके पर सर्वप्रथम उपस्थित साहित्यकारों एवं साहित्य प्रेमियों के द्वारा महान साहित्यकार जयशंकर प्रसाद की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया गया।
मौके पर उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए साहित्यकारों में सुरेन्द्र प्रसाद मण्डल, हर्षनारायण दास, अरविन्द ठाकुर ,सुनील दास एवं विनोद कुमार तिवारी सहित अन्य ने कहा की जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार, तथा निबन्ध लेखक थे। प्रसाद का जन्म 30 जनवरी 1889 को और मृत्यु 15 नवम्बर 1937 को वाराणसी में हुआ। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक हैं। हिन्दी काव्य में छायावाद की स्थापना का श्रेय इन्हें ही दिया जाता है। खड़ी भाषा में लिखने वाले प्रसाद को नयी पीढ़ी मे हिन्दी को लोकप्रिय करने में उत्कृष्ट भूमिका है।मात्र 48 वर्ष के जीवन में वे साहित्य के विभिन्न विधाओं में पारंगत थे।
उनकी काव्य रचनाओं में कामायनी, झरना, आंसू, लहर, और नाटकों हमें ध्रुवस्वामिनी, चन्द्रगुप्त, एक घुंट आदि प्रसिद्ध हैं। इसके अलावे उनके तीन उपन्यास कंकाल, तितली और इरावती और एक निबन्ध संग्रह प्रसिद्ध हैं। इनके पाँच कहानी संग्रह भी प्रकाशित हैं ।
अंत में समाध्यक्ष श्री यादव ने प्रसाद की प्रसिद्ध कविता ''आंसू'' का सस्वर पाठ कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।इस अवसर पर शिवनारायण चौधरी, प्रो. राजेश्वर यादव, पलकधारी मण्डल, मनीष राज तिवारी सहित अनेक साहित्य प्रेमी मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल

