उच्चैठ भगवती स्थान को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने पर अनुमोदन
मधुबनी, 31 दिसंबर (हि.स)। जिला के बेनीपट्टी स्थित भगवती स्थान उच्चैठ को धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की कवायद बुधवार को शुरु हुई।
नववर्ष के अवसर पर मधुबनी जिले के लिए जिलाधिकारी आनंद शर्मा द्वारा उच्चैठ भगवती स्थान, बेनीपट्टी को राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किए जाने हेतु पर्यटन विभाग, बिहार सरकार के सचिव को पत्र लिखकर स्वीकृति प्रदान करने का औपचारिक अनुरोध किया गया है। यह पहल न केवल धार्मिक आस्था को सुदृढ़ करेगी, बल्कि जिले के पर्यटन, रोजगार और समग्र विकास को नई गति देगी।
जिलाधिकारी द्वारा भेजे गए पत्र में संयुक्त इन्का कन्सल्टेंट आर्किटेक्ट्स से प्राप्त विस्तृत प्रस्तुति को भी संलग्न किया गया है,जिसमें मंदिर परिसर के समग्र विकास, आधारभूत संरचनाओं के सुदृढ़ीकरण, पर्यटक सुविधाओं के विस्तार एवं सौंदर्यीकरण की स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत की गई है। उच्चैठ भगवती स्थान को आस्था और संस्कृति का अनुपम केंद्र बताया।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि उच्चैठ भगवती स्थान बेनीपट्टी अनुमंडल अंतर्गत नगर पंचायत, बेनीपट्टी में अवस्थित है, जिसकी दूरी जिला मुख्यालय मधुबनी से लगभग 26 किलोमीटर है। मंदिर परिसर का कुल क्षेत्रफल लगभग 11 एकड़ 61 डिसमिल है। यह स्थल एक प्राचीन सिद्धपीठ (शक्तिपीठ) के रूप में प्रसिद्ध है तथा छिन्नमस्तिका मंदिर के नाम से देश-विदेश में ख्याति प्राप्त है। यहां प्रत्येक माह बिहार के विभिन्न जिलों एवं पड़ोसी देश नेपाल से हजारों श्रद्धालु दर्शन-पूजन, विवाह, मुंडन एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आते हैं। विशेष रूप से शारदीय नवरात्र (दुर्गापूजा) के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का समागम यहां होता है।जिससे यह स्थल राज्य के प्रमुख धार्मिक केंद्रों में शुमार हो जाता है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर के विशिष्ट आगंतुकों का आगमन
उच्चैठ भगवती स्थान पर समय-समय पर बिहार सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ,सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा वरीय प्रशासनिक पदाधिकारीगण भी दर्शनार्थ आते रहे हैं। जो इस स्थल की महत्ता और प्रतिष्ठा को दर्शाता है। संस्कृति और पर्यटन का संगम पर्यटन विभाग, बिहार सरकार के सहयोग से वर्ष 2019 से यहां उच्चैठ–कालीदास महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिष्ठित विद्वान, साहित्यकार एवं कलाकार भाग लेते हैं। यह महोत्सव मधुबनी की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बीते 11 दिसंबर 2025 को जिलाधिकारी आनंद शर्मा द्वारा संयुक्त इन्का कन्सल्टेंट आर्किटेक्ट्स तथा स्थानीय प्रशासनिक एवं तकनीकी पदाधिकारियों के साथ पूरे मंदिर परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के उपरांत आर्किटेक्ट्स को विस्तृत विकास प्रतिवेदन तैयार करने का निर्देश दिया गया, जिसे बाद में विस्तृत प्रस्तुति के रूप में समर्पित किया गया। मंदिर परिसर की ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्तुति को पर्यटन विभाग को भेजते हुए जिलाधिकारी द्वारा इसके अनुमोदन का अनुरोध किया गया है, ताकि उच्चैठ भगवती स्थान को सुनियोजित ढंग से एक आदर्श धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / लम्बोदर झा

