बाल श्रम उन्मूलन मुक्ति व पुनर्वास को राज्य सरकार तत्पर:डाॅ. चक्रपाणि
मधुबनी,20 अप्रैल, (हि.स.)। जिला मुख्यालय स्थित अतिथि गृह सभागार में गुरुवार को बाल श्रम उन्मूलन को विमर्श मंथन हुई। राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डा चक्रपाणि हिमांशु की अध्यक्षता में कार्यक्रम संचालित बताया।गुरुवार को जिला अतिथि गृह के सभागार में बाल श्रम उन्मूलन तथा उनके मुक्ति व पुनर्वास विषय पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष श्री हिमांशु ने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वास को राज्य सरकार तत्पर है।वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में लगातार छापेमारी जारी है।डा चक्रपाणि ने बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में ठोस पहल के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आईसीडीएस और ग्रामीण विकास विभाग की महती भूमिका जरूरी बताया। कहा कि बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा निर्माण कामगारों व श्रमिकों के पंजीयन को लेकर लगातार प्रयास जारी हैं। जिससे पात्र लाभुकों को पर्याप्त सहायता मुहैया कराई जा सके।
उन्होंने कहा कि बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं। जिनमें मातृत्व लाभ की योजना है। योजना अंतर्गत न्यूनतम एक वर्ष की सदस्यता पूर्ण होने पर निबंधित महिला निर्माण कामगार को प्रथम दो प्रसवों के लिए प्रसव की तिथि को राज्य सरकार द्वारा अकुशल कामगार हेतु निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के नब्बे दिनों के मजदूरी के समतुल्य राशि देय है। यह अनुदान स्वास्थ्य समाज कल्याण एवं अन्य विभागों के अतिरिक्त है। शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता दिए जाने के प्रावधानों की चर्चा किया।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम एक वर्ष की सदस्यता पूर्ण होने पर निबंध निर्माण कामगारों के पुत्र - पुत्री को आईआईटी,आईआईएम तथा एम्स जैसे सरकारी उत्कृष्ट संस्थानों में दाखिला होने पर पूरा ट्यूशन फीस, बीटेक अथवा समकक्ष कोर्स के लिए सरकारी संस्थान में दाखिला होने पर एकमुश्त बीस हजार रूपया, सरकारी पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स के अध्ययन के लिए दस हजार तथा सरकारी आईटीआई के लिए एकमुश्त पांच हजार राशि देय बताया। विवाह के लिए पचास हजार निबंधित पुरुष व महिला कामगार को तीन वर्षों तक अनिवार्य रूप से सदस्य रहने पर देय बताया। निबंधित निर्माण कामगार को कौशल उन्नयन के लिए पंद्रह हजार उन्हें संबंधित ट्रेड के औजार के क्रय के लिए दिया जाना हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/डा लम्बोदर

