सावन में भी सूखे हैं खेत, अकाल की आशंका से किसान चिंतित,सरकारी संसाधन फेल

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सावन में भी सूखे हैं खेत, अकाल की आशंका से किसान चिंतित,सरकारी संसाधन फेल


गोपालगंज, 3 अगस्त (हि.स.)। वर्तमान में

बारिश नहीं होने से सूखा का असर खरीफ फसल की खेती पर पड़ने लगा है। अधिकांश इलाकों में

धान की रोपाई भी किसानों ने काफी कम की है। करीब एक माह पहले हुई जोरदार बारिश के बाद

बारिश नहीं हुई है। बीच में एक-दो बार बारिश हुई तो वह भी केवल रिमझिम ही रही। हालांकि

इसी बीच किसानों ने खरीफ की फसलों की बोआई इस उम्मीद के साथ की कि बारिश होने के बाद

फसलें ठीक होंगी लेकिन बारिश न होने के कारण सूखे जैसे हालात बन गए हैं। जिन खेतों

में बोआई हुई थी, तेज धूप व गर्मी के कारण सूखने लगे हैं। खासकर ज्वार, बाजरा, मक्का,

अरहर आदि की फसलें काफी प्रभावित हो रही हैं।

बारिश न होने के कारण अधिकांश किसानों

ने जहां धान की रोपाई काफी कम की। वहीं अब रोपे गए धान को बचाने के लिए जूझ रहे हैं।

इसके अलावा बारिश न होने के कारण सब्जी की खेती भी प्रभावित होने लगी है। सब्जी की

खेती करने वाले किसानों की मानें तो बरसात के दिनों में बोई जाने वाली सब्जी भिंडी,

बोरो, तरोई, लौकी, नेनुआ, पालक आदि की फसल भी सूखने लगी है और इसे बचाने के लिए किसानों

को मशक्कत करनी पड़ रही है।

किसानों ने बताया कि बारिश के मुख्य दो माह आषाढ़ व सावन

बीत गए हैं। ऐसे में अब भादो माह से ही उम्मीद है। अन्यथा फसलों को बचाना मुश्किल ही

हो रहा है।बारिश नहीं होने से जिले में सुखाड़

की स्थिति उत्पन्न हो गयी है जिससे किसान चिंतित हैं। 14 दिन सावन बीत चुका है, धान

रोपाई करने का यह माह मध्य माना जाता है लेकिन इस सावन माह में भी चिलचिलाती धूप को

देखकर किसानों के पसीने तर-बतर हो रहे हैं। किसानों के बीच रात और दिन चिंता का विषय

बना हुआ है कि किसी भी तरह धान की रोपाई हो जाय मगर प्रभू की लीला अजब निराली रहने

के कारण जिले में बूंदा-बूंदी पानी को छोड़कर तेज बारिश नहीं हुई है, जिस कारण जिलेमें

80 प्रतिशत खेतों में रोपाई भी नहीं हो पायी है।

बुढ़े-बुजुर्ग बतातें हैं कि इस साल सावन माह में भी पानी का दर्शन नहीं हुआ

है। जिससे किसानों के बीच अब कोई चारा नहीं बच गया है, लाचार और विवश किसान इंद्र देवता

की पूजा अर्चना में लगे हुए हैं। जिले के कई प्रखंडों में उच्चे इलाका रहने के कारण

खेतों में पानी नहीं टीक पाती है. अगर इस माह में भी पानी नहीं पड़ा तो यहां के किसान

भुखमरी के कगार पर हो जायेंगें।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra / चंदा कुमारी

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