गेहूं की बोआई और धान खरीद दोनों पर संकट

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बक्सर, 19 दिसंबर (हि.स.)। धान पकने के समय मोंथा चक्रवात के प्रभाव से जिले के खेतों में नमी लगातार बनी हुई है। खेत सूख नहीं पाने के कारण किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक असर गेहूं की बोआई पर पड़ा है, जिसमें लगातार विलंब हो रहा है। धान की कटनी के बाद खेत तैयार नहीं हो पाने से रबी फसल की तैयारी प्रभावित हो रही है।

वहीं धान कटनी के बाद बिक्री को लेकर भी किसान असमंजस में हैं। जिले में 15 नवंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू हुई थी, लेकिन एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद सहकारी समितियों द्वारा मात्र 8578 मीट्रिक टन धान की ही खरीद हो सकी है। खरीद प्रक्रिया की धीमी रफ्तार के कारण किसान अपने धान व्यापारियों के हाथों बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

व्यापारी किसानों से धान 1850 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रहे हैं, जबकि सरकार ने सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2369 रुपये और ग्रेड-ए धान का मूल्य 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। कीमतों में भारी अंतर होने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

सहकारिता विभाग के पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार जिले में धान खरीद के लिए 106 पैक्स और सात व्यापार मंडलों को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन अब तक अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकी है। जिला सहकारिता पदाधिकारी चन्द्रमा राम ने बताया कि समितियों को धान खरीद में तेजी लाने का निर्देश दे दिया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार ओझा

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