चार बाइक राइडर्स ने 1500 किमी का सफर तय कर पहुंचे चाइना बॉर्डर

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चार बाइक राइडर्स ने 1500 किमी का सफर तय कर पहुंचे चाइना बॉर्डर


अररिया 29 सितम्बर (हि.स.)।

युवाओं में उत्साह और कर गुजरने की चाहत रहती है और यदि युवा बाइक राइडर्स हो तो बाइक से दुनिया घूमने की उनकी इच्छाएं लगातार हिलोर मारते रहती है।ऐसे ही फारबिसगंज के चार युवा बाइक राइडर्स ने फारबिसगंज से तीन बाइक पर सवार होकर दस दिन पहले निकले और दस दिनों में 1500 किलोमीटर की दूरी तय कर रविवार को 15 हजार 200 फीट की ऊंचाई पर इंडो चीन बॉर्डर के बुमला पहुंचकर अपने मजबूत इरादों का इजहार किया।

फारबिसगंज से बिहार के रास्ते पश्चिम बंगाल,असम,अरुणाचल प्रदेश राज्य से होकर 15 हजार 200 फीट ऊंचाई वाले बुमला के पास भारत चीन सीमा के पास गए। चार बाइक राइडर्स में बिक्की खान, जामिल खान,ऐहतशाम,मुबारक शामिल हैं।इन बाइक राइडर्स को यहां पहुंचने में दस दिनों का समय लगा।इस दौरान बाइक पर 50 किलो के करीब वजन वाले समानों को बैग में रखकर यात्रा पूरी की।इन बैग में खाने पीने के समान सहित अन्य जरूरत के समान उपलब्ध थे।

इन उत्साही युवा बाइक राइडर्स ने अपने ग्रुप का नाम बीआर 38 राइडर्स रखा है।जानकारी देते हुए बिक्की खान ने बताया कि यात्रा काफी कष्टों से भरा रहा।कारण प्रतिकूल मौसम कई बार बाधा बनकर आए,लेकिन उन सभी बाधाओं को दूर कर लक्ष्य निर्धारित कर गंतव्य स्थान तक पहुंचने में कामयाब रहे।उन्होंने बताया कि रास्ते में कई बार बाइक का ब्रेक डाउन भी हुआ।फारबिसगंज के इन बाइक राइडर्स के साथ बंगलौर और केरल के भी दो बाइक राइडर्स साथ थे और उन लोगों ने भी यह अचीवमेंट पूरा किया।बिक्की खान ने दूरभाष पर बताया कि सेला पास और बुमला पास सबसे कठिन और दुर्गम रास्तों में से एक है।ये स्थान लद्दाख और स्पीति वैली से भी ज्यादा खतरनाक और दुर्गम है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर

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