फारबिसगंज में बरसात के दौरान बाढ़ से निजात को लेकर नाले की उड़ाही शुरू

अररिया 26 मई(हि.स.)। फारबिसगंज नगरपालिका बिहार के पुराने नगर निकाय इकाई में से एक है।1912 में इसकी स्थापना की गई थी।स्वर्णिम इतिहास को अपने मे समेटे फारबिसगंज नगर परिषद पिछले एक दशक से हरेक साल बरसात के मौसम में बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर रहा है। मूल रूप से इसका कारण जल निकासी और अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में बेतहाशा अतिक्रमण कर मकान सहित अन्य का निर्माण किया जाना।फलस्वरूप शहर के बाहर से निकासी होने वाला जल शहर में प्रवेश कर हरेक साल बाढ़ जैसे हालात पैदा करते रहे हैं।
जल निकासी और अधिग्रहण वाले क्षेत्र सहित शहर में जलनिकासी के लिए बने नालों की लंबे अर्से से उड़ाही नहीं होने के कारण सिल्ट और कचड़ा से भर गया।फलस्वरूप बरसात या गंदा पानी नाले में जाने के बजाय शहर के सड़कों पर पसरा रहता रहा है।इन समस्याओं से निदान को लेकर मेन ड्रेन समेत अन्य नालों से जल निकासी वाले नालों से मिट्टी और गाद की उड़ाही जीरो लेबल से युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।जहां स्वयं शुक्रवार से नप के मुख्य पार्षद वीणा देवी ईओ संदीप कुमार, नाजिर कुंदन सिंह स्वयं नाले की उड़ाही में लगे रहे।
मामले पर मुख्य वीणा देवी ने बताया कि बरसात में शहर बाढ़ जैसी समस्या से लगातार रूबरू होता रहा है।मुख्य कारण जलनिकासी के लिए बने नालों का वर्षों से सफाई नहीं होना था।नाला कचड़ा और गाद से भरा पड़ा है,जिसके कारण नाले की गहराई के अनुरूप बहने वाले पानी का जलस्तर ऊपर की ओर आ जाने से हल्के बरसात में भी सड़क पर पानी आ जाता है।यही कारण है कि बरसात से पहले रात में जहां मुख्य सड़कों और भीड़भाड़ वाले इलाके में नाले की उड़ाही का काम हो रहा है।जिससे बरसात में शहरवासियों को बाढ़ से निजात मिल सके।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा
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