राष्ट्रपति मुर्मू को अपशब्द कहने वाले आदिवासी महिला के सम्मान का न करें दिखावा

अररिया, 26 मई (हि.स.)।
फारबिसगंज विधायक विद्यासागर केशरी उर्फ मंचन केशरी ने नये संसद भवन के शुभारम्भ पर शुक्रवार को विपक्ष को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ईर्ष्या-द्वेष की राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताए कि 17 साल में उन्होंने कितने सरकारी भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन राज्यपाल से कराया है ?
उन्होंने कहा कि पटना में विधानमंडल के नये भवन का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री ने किया था और किसी ने उस कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं किया था।यदि हिम्मत है तो विपक्ष घोषणा करें कि वह भारतीय अस्मिता और गौरव के प्रतीक नये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेगा। केशरी ने कहा कि जिन लोगों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विरोध किया और अपशब्द तक कहे थे, उन्हें आज आदिवासी सम्मान की बड़ी चिंता हो रही है। 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पुराने संसद भवन की एनेक्सी का उद्घाटन किया था। बाद में सांसद राहुल गांधी ने संसद के पुस्तकालय का शिलान्यास किया। कांग्रेस को कभी राष्ट्रपति की याद क्यों नहीं आयी ? यूपीए सरकार के समय जयराम रमेश नया संसद भवन बनाने की जरूरत बता रहे थे। जब एनडीए सरकार ने सेंट्रल विस्टा बनाने का निर्णय किया, तब कांग्रेस विरोध में खड़ी हो गई।
उन्होंने कहा कि जो लोग नये संसद भवन के विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक गए और पराजित हो कर लौटे। वे अब केवल इसलिए विरोध में हैं कि इस भवन के उद्घाटन का श्रैय प्रधानमंत्री मोदी को मिलते नहीं देख सकते।आधुनिक सुविधाओं से लैस नये संसद भवन का उद्घाटन महान स्वाधीनता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर हो रहा है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मौके पर विधायक के अलावा भाजपा नेता मनोज झा,अविनाश कन्नौजिया अंशु,अमित निराला,बिपिन मेहता मौजूद थे ।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/गोविन्द /गोविन्द
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