फारबिसगंज में नाला उड़ाही के नाम पर प्रदूषण को बढ़ावा, तय मानकों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन, मजदूर बिना बिना दास्ताने और जूते का कर रहे उड़ाही
अररिया,20 मई (हि.स.)। फारबिसगंज नगर परिषद बिहार के सबसे पुराने नगरपालिका में से एक है।1912 में इसकी स्थापना हुई।लेकिन जिस उद्देश्य से नगरपालिका की स्थापना हुई,वह दिन ब दिन पब्लिक को सुविधा देने के बजाय मुश्किल हालात में डालने का काम कर रही है।वर्तमान समय में सेवा के नाम पर जनता को विभिन्न तरह से परेशान करना नगर परिषद प्रशासन का शगल बन गया है।
सात दिन पहले आधा घंटा प्री मानसून बारिश क्या हुई थी कि नगर परिषद प्रशासन के काले करतूत और दावों की कलई खोल कर रख दी।आधे घंटे के बारिश में ही शहर पानी पानी हो गया।आधे घंटे की बारिश में शहर का मुख्य बाजार से लेकर गली मुहल्ले तक में ठेगुना भर पानी भर गया था।जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।मामले को लेकर जब नगर परिषद प्रशासन की जमकर थुथई हुई तो नगर परिषद प्रशासन और चुने गए जनप्रतिनिधियों की कुंभकर्णी निद्रा टूटी,जिसके बाद शहर में बने नालों की सफाई का दौर शुरू हुआ लेकिन नाले की उड़ाही आम शहरवासी के लिए और मुश्किल हालात लेकर आ गई।एक तो नाले की उड़ाही करने वाले मजदूर और सफाईकर्मी बिना दस्ताने और जूते के ही जान जोखिम में डालकर नाले की उड़ाही कर रहे हैं।वही सफाई कार्य में लगे जमादार और नप प्रशासन के कर्मचारी इस मामले में उदासीन हैं।
नाले की उड़ाही के बाद नाला का कचरा सड़क के किनारे डाल दिया गया।फलस्वरूप जिस दिन नाले की उड़ाही होती है,उस दिन नाले के कचरे के कारण नाला का पूरा गंदा पानी सड़क पर पसर जाता है और उस ओर से पैदल जाना भी मुश्किल हो जाता है।इतना ही नहीं भीषण गर्मी के बीच नाला का पानी सूख जाने के बाद इलाका जहां दुर्गंध के कारण महामारी को न्यौता देता है।वहीं कचरा का उठाव ससमय उठाव नहीं होने के कारण उसका धूलकण हवा के हल्के झोंको के साथ लोगों के प्रतिष्ठान और घरों में प्रवेश कर जा रहा है। नगर परिषद की सफाई भी आम जनमानस के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
नमो एप्प के प्रदेश संयोजक एवं स्थानीय विधायक प्रतिनिधि अविनाश कन्नोजिया अंशु ने कहा कि आज नगर परिषद की कार्यशैली सवालों के घेरे में हैं।नगर परिषद की हालत चिंदी चोर के समक्ष होकर रह गई है।जहां योजना के नाम पर कमीशन के लिए गुणवत्तविहीन कार्य को अंजाम देना नगर परिषद का फितरत बन गया है।जनता के द्वारा टैक्स देने के बावजूद सुख सुविधा का ख्याल नहीं रखा जाता है। महत्वाकांक्षी योजना नल जल के हालात ऐसा है कि घरों में नल तो लगा है,जबकि लगे नल से अधिकांश घरों में अब तक जल का प्रवाह न के बराबर हो रहा है।नगर परिषद की कार्यशैली शहर के कारोबारियों को मानसिक रूप से परेशान करने वाली होकर रह गई है।नाले की उड़ाही में अपने सफाईकर्मियों और मजदूरों पर भी रहम नहीं की जा रही है।बिना दस्ताने और जूते के नाले को उड़ाही करवाई जा रही है।
नगर परिषद की कार्यशैली के खिलाफ अविनाश कन्नोजिया अंशु ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री समेत नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री और अधिकारी को पत्राचार करने के साथ साथ भेंट कर अवगत कराने की बात कही।साथ ही कहा कि यदि कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ तो इस कार्यशैली के खिलाफ आम जनता और बुद्धिजीवियों के साथ मिलकर हाईकोर्ट में पीआईएल किया जायेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा
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