सरकारी योजनाओं का सहज व शीघ्र लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री आवश्यक: संजय कुमार
सहरसा, 16 दिसंबर (हि.स.)। नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान कृषोन्नति योजना अंतर्गत फार्मर रजिस्ट्री हेतु एक दिवसीय जिलास्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन प्रेक्षा गृह, सहरसा में मंगलवार को किया गया, जिसका विधिवत उद्घाटन निशांत कुमार, अपर समाहर्त्ता राजस्व अधिकारी ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कृषकों द्वारा सरकारी योजनाओं का सहज एवं शीघ्र लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री आवश्यक है। इसके लिए किसान अपने पंचायत के किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक एवं हल्का कर्मचारी से संपर्क कर फार्मर रजिस्ट्री करवा सकते हैं।अपर समाहर्त्ता ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री कराने से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ बिना सत्यापन के प्राप्त होगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादों की बिक्री में सरलीकरण, फसल नुकसान की स्थिति में वास्तविक क्षति का मुआवजा प्राप्त करने में प्रत्येक कृषक की अपनी डिजिटल पहचान, पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त करने की सुविधा प्राप्त होगी।
उप निदेशक कृषि अभियंत्रण द्वारा वेब पोर्टल के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। कृषक फार्मर रजिस्ट्री हेतु आवश्यक दस्तावेज आधार कार्ड, भूमि से संबंधित दस्तावेज, मोबाईल नम्बर के साथ कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों से संपर्क कर अपनी फार्मर आई डी बनवा सकते हैं। फार्मर आई डी नहीं बनवाने पर कृषक को पी एम किसान सम्मान निधि योजना के आगामी किस्त एवं अन्य सरकारी योजनाओं में मिलने वाले लाभ से वंचित हो सकते हैं।
सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण सहरसा द्वारा एग्री स्टेक ऐप के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। प्रत्येक किसान का फार्मर आईडी तैयार किया जाना है। कृषकों को फार्मर रजिस्ट्री बनवाने के लिए अपने पंचायत के किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक द्वारा आधार ई-केवाईसी की प्रक्रिया को पूरी करेगा एवं हल्का कर्मचारी आपके भूमि से संबंधित दस्तावेजों की जाँच और सत्यापन करेगा।
सत्यापन के बाद वह ई-केवाईसी तथा ई-साईनिंग की प्रक्रिया पूरी करते हुए आपकी फार्मर आई॰डी॰ तैयार करेगा।सहायक निदेशक शष्य द्वारा बताया गया कि फार्मर रजिस्ट्री, एग्री-स्टैक परियोजना का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसका उद्देश्य राज्य में कृषि सेवाओं को अधिक आधुनिक, सरल और प्रभावी बनाना है। इसके तहत प्रत्येक किसान का फार्मर आईडी तैयार किया जाता है, जिसमें किसान के जमीन संबंधी विवरण, आधार संख्या को एकीकृत कर डिजिटल रूप से जोड़ा जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार

