पुनः आने की कामना के साथ विदा हो गई मां दुर्गा, छाई उत्सव के बाद की उदासी

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पुनः आने की कामना के साथ विदा हो गई मां दुर्गा, छाई उत्सव के बाद की उदासी


पुनः आने की कामना के साथ विदा हो गई मां दुर्गा, छाई उत्सव के बाद की उदासी


पुनः आने की कामना के साथ विदा हो गई मां दुर्गा, छाई उत्सव के बाद की उदासी


पुनः आने की कामना के साथ विदा हो गई मां दुर्गा, छाई उत्सव के बाद की उदासी


बेगूसराय, 24 अक्टूबर (हि.स.)।शक्ति की उपासना का महाव्रत दुर्गा पूजा को लेकर पिछले महीने से जारी शोर बुधवार को पूरी तरह से थम गया। अगले साल फिर आने की कामना के साथ मां दुर्गा को सजल नेत्रों से विदा कर दिया गया। प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला मंगलवार की रात से ही शुरू हो गया था।

प्रतिमा विसर्जन के साथ ही 15 अक्टूबर से हर ओर गुंजायमान देवी के वैदिक मंत्रों का शोर पूरी तरह से थम गया तथा शहरों से लेकर गांव तक में उत्सव के बाद की उदासी छाई हुई है। लगातार दस दिनों तक पूजा करने के साथ-साथ महिलाओं ने भगवती के लोक गीतों की धूम मचाई तथा समदन गाकर महिलाओं ने जब माता को विदा किया तो लग रहा था कि अपने घर के बेटी की विदाई हो रही है।

महिलाओं, तमाम भक्तजनों और पूजा समिति के सदस्यों ने मां दुर्गा से अगले साल पुनः पधारने की कामना के साथ साथ समाज और देश को सुरक्षित रखने की भी मंगल कामना किया। इधर विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, विभिन्न स्वयंसेवी संगठन, पूजा समिति तथा एसडीआरएफ की टीम एक्टिव मोड में रही। जिसके कारण प्रतिमा विसर्जन का कार्य शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया है।

लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा एनजीटी के तमाम दिशा-निर्देशों की विसर्जन में धज्जियांं उड़ गई। गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाई गई थी, लेकिन सैकड़ों प्रतिमा का विसर्जन नदी में किया और भक्तों के भीड़ के आगे प्रशाासन पूरी तरह सेेेे असहाय हो गई। दूसरी ओर हरिगिरीधाम सहित कुछ अन्य पंडालों में बुधवार की रात प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/गोविन्द

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