मिथिला में ससुराल होने के नाते भगवान राम को आज भी देते हैं सरस गाली :आचार्य प्रभाकर
सहरसा,29 दिसंबर (हि.स.)। योग गुरु प्रभाकर ने लक्ष्मीनाथ गोसांई द्वारा रचित स्लोगन सभी भक्तों को गाकर सुनाया।राम नाम कही सोई रहो,घर बाहर बनि जाए।लक्ष्मीपति दास को,काल कबहूं नहीं खाय।आज जब राम मंदिर में भक्तों को दर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा तो झूमते हुए गाएंगे राम नाम के रहत हीं नरो नरक में जात, लक्ष्मीपति विश्वास नहीं बरो अचंभो बात।देश सहित विदेश में खुशियों का माहौल बना हुआ है। 22 जनवरी आनंद का पल होगा जब दीवाली मनाएंगे हमारे देश के नर नारी बच्चे एवं युवा।
मिथिला के लोग अभी से ही जगह-जगह गीत गा रहे हैं।आजू मिथिला नगरिया कमाल सखिया,चारू दुल्हा मे बडका कमाल सखिया ,रामलीला रामधुनी विषय कीर्तन रामायण धारावाहिक सीरियल का तैयारी में लगा हुआ है।एक सप्ताह से अयोध्या में श्री राम मंदिर से आए पूजित अक्षत चावल की आई, पी, एक्सटेंशन में प्रभात फेरी का आयोजन सावरकर शाखा द्वारा किया जा रहा है।भजन कीर्तन करते नगर में घूम घूम कर नारे लगाते हुए रास्ते में भजन गाते हैं।राम लक्ष्मण जानकी,जय बोलो हनुमान की। विभिन्न स्थानों में सप्ताह भर से नगर कीर्तन किया जा रहा है। सभी अपार्टमेंट में भक्त श्रद्धालुओं ने बढ चढ़कर हिस्सा लियाइस अवसर पर भाई राष्ट्रप्रकाश ने कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए काफी प्रशंसा की।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।