डिजिटल मीडिया में भाषाई गिरावट प्रमुख समस्या:डॉ रचना शर्मा
-एमजीसीयूबी में डिजिटल मीडिया पर संगोष्ठी का आयोजन
पूर्वी चंपारण,05 फरवरी(हि.स.)। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्व विद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा सोमवार को डिजिटल पत्रकारिता: संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक के रूप में कुलपति प्रो संजय श्रीवास्तव व मुख्य वक्ता के रूप में आईआईएमसी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रचना शर्मा मौजूद थी।
संगोष्ठी को संबोधित करते मुख्य वक्ता डॉ रचना शर्मा ने कहा कि डिजिटव मीडिया में भाषायी गिरावट प्रमुख समस्या बन कर उभर रही है।प्रिंट और रेडियो माध्यम भी डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। टाइपिंग के लिए भी सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है, जो एक सम्मिलित माध्यम का महत्वपूर्ण उदाहरण है। डिजिटल पत्रकारिता डेटा केंद्रित होने के कारण खबरों का संप्रेषण सुलभ हो गया है। हमे डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया में अंतर समझने की आवश्यकता है। मुख्य धारा की मीडिया संस्थान भी डिजिटल माध्यम का प्रयोग कर रही हैं । लगातार बढ़ती अर्थव्यवस्था मीडिया कन्वर्जेंस और टारगेट ऑडिएंस ने डिजिटल माध्यम की महत्ता को और बढ़ा दिया है। डिजिटल माध्यम के आने के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की महत्ता कम नहीं हुई है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म वेबसाइट और विभिन्न एप्लिकेशन के माध्यम से अन्तरक्रियाशीलता बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि ग़लत संदेशों को चैट ऐप के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। उन्होने एआर और वीआर क्लिपबैठ फैक्ट चेकिंग से वायरल खबरों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने वेबसाइट, वेब पोर्टल, ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की।
विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार झा ने कहा कि डिजिटल पत्रकारिता में तथ्य गौण है,जो चिंता का विषय है। इसका असर मुख्य धारा के चैनलों पर भी देखने को मिल रहा है।ऐसे में यह मुश्किल हो रहा है,कि खबर सही है या ग़लत। कार्यक्रम संयोजक डॉ. साकेत रमण ने कहा कि आजकल पत्रकारिता डिजिटल की ओर जा रही है। भारत चीन के बाद दूसरा इंटरनेट उपभोक्ता देश है। आने वाले दिनों में डिजिटल पत्रकारिता एक ऐसा दिशा और दशा देगी जहां मीडिया के छात्र अपना कैरियर बना सकते हैं । कार्यक्रम में मीडिया अध्ययन विभाग के प्रोफेसर डा.परमात्मा मिश्र व डा.सुनील घोड़के ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में कई छात्रो ने प्रश्न भी पूछे। मौके पर विभाग के शोधार्थियों एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/आनंद प्रकाश/चंदा
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