कृषि महाविद्यालय अगवानपुर को विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग

कृषि महाविद्यालय अगवानपुर को विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग
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कृषि महाविद्यालय अगवानपुर को विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग


सहरसा,22 दिसंबर (हि.स.)।भागलपुर से अलग होकर सन 1954 में सहरसा जिला बना,1972 को कमिश्नरी का दर्जा मिला और यूनिवर्सिटी की अलग से स्थापना हुई । मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अगवानपुर में पर्याप्त भूमि उपल्ब्ध हो सकती है।कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अरुणिमा कुमारी से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए शुक्रवार को एक बैठक सम्पन्न हुई।

प्रवीण आनंद ने कहा कि सरकार इसी महाविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा दे दें तो इस सीमांचल के लाखों किसानों को चहुंमुखी विकास होगा।इसके लिए अविलंब सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव दिया जाएगा।

प्राचार्या ने बताया कि अभी फिलहाल महाविद्यालय को 125 एकड़ भूमि उपल्ब्ध है । इस महाविद्यालय में पहले पीजी की पढ़ाई की जरूरत है । स्टाप क्वार्टर चहारदिवारी की जरूरत है।इस वार्ता में शशि कुमार , फ्रैंड्स ऑफ आनंद के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू , मोहम्मद जन्नत हुसैन और पिंटू कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

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