दवा खाने के बाद उल्टी या चक्कर आना समस्या नहीं, बल्कि फाइलेरिया परजीवी के मरने का है शुभ संकेत: सिविल सर्जन

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दवा खाने के बाद उल्टी या चक्कर आना समस्या नहीं, बल्कि फाइलेरिया परजीवी के मरने का है शुभ संकेत: सिविल सर्जन


किशनगंज, 12 अगस्त (हि.स.)। राज्य के 13 जिलों सहित जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में भी 10 अगस्त से एमडीए राउंड की शुरुआत की गयी है। एमडीए के पहले दिन राज्य के कई जिलों से दवा सेवन के बाद ग्रामीणों में उल्टी एवं दस्त की शिकायत आयी है। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने सोमवार को बताया कि फाईलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभाव स्तर पर पूर्णता सुरक्षित है‌ं। जिन बच्चों में दवा सेवन के बाद उल्टी, चक्कर एवं सर दर्द जैसी शिकायत आयी है, उनके क्षेत्र में फाइलेरिया परजीवी का संक्रमण होने की पुष्टि होती है।

वीबीडीसी पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कहा कि इसे आसान शब्दों में समझा जाए तो दवा सेवन के बाद अगर किसी तरह की शारीरिक शिकायत होती है तो यह स्पष्ट होता है कि शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे। क्योंकि, दवा सेवन से परजीवी मरते हैं, जिस कारण उल्टी, चक्कर या सर दर्द जैसे छोटी-मोटी शिकायत हो सकती है। इसे दूसरे रूप में समझें तो यह एक शुभ संकेत है कि दवा फाइलेरिया परजीवी को मारने में असरदार साबित हो रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमेशा याद रखना होगा कि दवा का सेवन कभी भी खाली पेट नहीं करें। खाली पेट दवा सेवन करने से भी दवा का कुछ प्रतिकूल असर पड़ता है।

डॉ. मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में 02 से 05 आयुवर्ग के बच्चों को डीईसी की एक गोली, 06 से 14 आयु वर्ग वाले लाभार्थियों को 02 गोली जबकि इससे ऊपर आयुवर्ग के लोगों को 03 गोली खिलाया जाना है। इसके साथ में सभी लक्षित वर्ग को एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाया जाएगा। लोगों को एल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खानी है।

उन्होंने बताया कि डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक सभी लोगों को भ्रमणशील टीम के सामने ही खानी है। यह दवा लोगों को खाना खाने के बाद ही लेना है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलायें एवं एक सप्ताह तक की धातृ महिला व गंभीर रूप से ग्रसित व्यक्तियों को इस दवा का सेवन नहीं करना है। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है। फाइलेरिया के परजीवी शरीर में मौजूद हों और दवा का सेवन नहीं किया गया तो फाइलेरिया से संक्रमित होने की संभावना बनी रहेगी। यह परजीवी 5 से 10 साल के बाद भी आपको फाइलेरिया से ग्रसित कर सकते हैं। इसलिए हमें हर हाल में दवा सेवन ख़ुद करना होगा और अपने परिजनों को भी कराना होगा। आपका दवा सेवन करना ही फाइलेरिया को आपके परिवार, समाज, राज्य एवं देश से दूर कर सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / धर्मेन्द्र सिंह / चन्द्र प्रकाश सिंह

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