कांग्रेस कार्यालय में भारत रत्न, स्व. राजीव गांधी की मनाई गई जयंती
किशनगंज,20अगस्त(हि.स.)। भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री, 21वीं सदी के भारत निर्माता, डिजिटल क्रांति के जनक एवं भारत रत्न, स्व. राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस कार्यालय में किशनगंज कांग्रेस नगर अध्यक्ष सजल कुमार साह के अध्यक्षता में एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष इमाम अली चिंटू के नेतृत्व में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
इस दौरान किशनगंज युवा कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष मो. आज़ाद साहिल, कांग्रेस ज़िला उपाध्यक्ष अरुण कुमार साह, कांग्रेस ज़िला प्रवक्ता शमशीर अहमद दारा, कांग्रेस ज़िला महासचिव आदर्श कुमार साह, युवा कांग्रेस ज़िला संयोजक वसीम अख़्तर, ओबीसी प्रदेश महासचिव सम्भु कुमार यादव, किशनगंज कांग्रेस नेता हाफ़िज़ मोबासीर, युवा कांग्रेस नगर महासचिव सुभम कुमार दास , किशनगंज कांग्रेस कार्यालय प्रभारी मो. गुड्डू आदि मौजूद रहे।
इस दौरान मो. आज़ाद साहिल ने कहा कि आज राजीव गांधी की 80वीं जयंती है। उनका राजनीतिक जीवन छोटा लेकिन बेहद महत्वपूर्ण था। मार्च 1985 के बजट में उन्होंने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने आर्थिक नीति के प्रति एक नया दृष्टिकोण दिया। शहादत को प्राप्त होने से कुछ सप्ताह पहले तक उन्होंने 1991 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र को तैयार करने में कई घंटे बिताए थे, जिसने जून-जुलाई 1991 में नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए ऐतिहासिक सुधारों की नींव रखी।
उन्होंने कहा कि असम, पंजाब, मिज़ोरम और त्रिपुरा जैसे देश के अशांत क्षेत्रों में शांति समझौते उनकी उस शासन कला के बदौलत संभव हो पाए, जिन्होंने राष्ट्रीय हित को अपनी पार्टी के तात्कालिक हितों से ऊपर रखा। उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सामाजिक उपयोगिता के लिए एक दृष्टिकोण था जो पेयजल आपूर्ति, टीकाकरण, साक्षरता, तिलहन उत्पादन और दूरसंचार एवं डेयरी विकास में प्रभावशाली प्रौद्योगिकी मिशनों में परिलक्षित हुआ। 1985 में, 165,000 ऐसे गांवों की पहचान हुई थी जहां पीने योग्य पानी के किसी भी स्रोत तक आसान पहुंच नहीं थी। 1989 तक, इनमें से 162,000 गांवों को पीने के पानी का कम से कम एक सुरक्षित स्रोत प्रदान किया गया था।
ओरल पोलियो वैक्सीन बनाने की सुविधाएं स्थापित की गईं। भारत को सॉफ्टवेयर निर्यात में महाशक्ति बनाने की दिशा में पहला प्रत्यक्ष कदम उनके कार्यकाल के दौरान उठाया गया था। C-DAC जैसी संस्थाएं जिनपर आज हमें गर्व है, 1980 के दशक के अंत में स्थापित की गई थीं। राष्ट्रीय आवास बैंक और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक जैसी वित्तीय संस्थाएं अस्तित्व में आईं। प्रगतिशील मूल्यों पर आधारित 1986 की नई शिक्षा नीति पर उनकी व्यक्तिगत छाप थी। आज के नवोदय विद्यालय इसी पहल के तहत सामने आए। मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष कर दी गई और स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया गया।
हमारे संविधान का अनुच्छेद 243 निर्वाचित पंचायतों और नगर पालिकाओं को सशक्त बनाने की उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को श्रद्धांजलि है। आज, स्वशासन की इन संस्थाओं में 30 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं जिनमें से 40% से अधिक महिलाएं हैं। आजाद साहिल ने कहा कि आज हम न सिर्फ़ एक प्रधानमंत्री को, बल्कि एक बहुत ही नेक दिल और सबकी परवाह करने वाले इंसान को भी याद करते हैं, जिसमें द्वेष नहीं था, प्रतिशोध और बदले की कोई भावना नहीं थी, कोई आडंबर नहीं था, और ख़ुद के महिमा मंडन एवं आत्मप्रशंसा की चाह नहीं थी।
हिन्दुस्थान समाचार / धर्मेन्द्र सिंह / चंदा कुमारी
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