बापू टावर का लोकार्पण हो जाने पर बापू की जीवनी,उनके आदर्शों को नई पीढ़ी जान सकेगी : मुख्यमंत्री

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बापू टावर का लोकार्पण हो जाने पर बापू की जीवनी,उनके आदर्शों को नई पीढ़ी जान सकेगी : मुख्यमंत्री


बापू टावर का लोकार्पण हो जाने पर बापू की जीवनी,उनके आदर्शों को नई पीढ़ी जान सकेगी : मुख्यमंत्री


पटना, 24 सितम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गर्दनीबाग में मंगलवार शाम को बापू टावर के भूतल, तीसरा तल एवं पांचवें तल पर जाकर निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान कहा कि बापू टावर के लोकार्पण हो जाने पर बापू की जीवनी, उनके विचारों और उनके आदर्शों को नई पीढ़ी जान सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बापू के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनायें, गांधी जी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से उनके लगाव तथा बापू के आदर्शों को बेहतर ढंग से रेखांकित कर प्रदर्शित किया जा रहा है ताकि आमजन यहां आकर उसे देख और समझ सके। इस परिसर को हरा-भरा और व्यवस्थित बनाया गया है। बापू टावर बहुत अच्छा बन गया हैं, यह लोगों के लिये दर्शनीय होगा। हमने इसके निर्माण कार्य को कई बार आकर देखा है और समय-समय पर सुझाव भी देते रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बापू टावर के आसपास के सड़कों का चौड़ीकरण करायें ताकि यहां पहुंचने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। साथ ही सड़क के किनारे वृक्षारोपण भी करायें। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने टेक्नोलॉजी भवन, विश्वेश्वरैया भवन, विकास भवन के बाहरी साज-सज्जा एवं लाइटिंग कार्य को भी देखा और उसकी प्रशंसा की।

उल्लेखनीय है कि चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह का आयोजन 10 अप्रैल 2017 से 20 अप्रैल 2018 तक किया गया। 10 एवं 11 अप्रैल 2017 को राष्ट्रीय विमर्श कार्यक्रम के आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पटना में संग्रहालय के स्वरूप में 'बापू टावर' के निर्माण की घोषणा की गयी

मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप गर्दनीबाग में सात एकड़ भूमि में भवन निर्माण विभाग द्वारा बापू की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2018 को इस भवन का शिलान्यास कराया गया। बापू टावर के दो मुख्य भाग हैं आयताकार एवं शंकुकार। जी प्लस सिक्स आयताकार भवन में तीन प्रदर्श गैलरी, प्रेक्षागृह, अस्थायी प्रदर्शनी दीर्घा, कार्यालय इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने टेक्नोलॉजी भवन, विश्वेश्वरैया भवन, विकास भवन के बाहरी साज-सज्जा एवं लाइटिंग कार्य को भी देखा और उसकी प्रशंसा की।, प्रतिक्षालय, म्यूजियम शॉप एवं जलपान गृह अवस्थित है। 102 फीट ऊंचे शंकुकार भवन में लगातार क्रम में निर्मित 5 रैम्प हैं, जिस पर गांधी जी के जीवन से संबंधित सभी जानकारियां, म्यूरल, कटआउट, स्क्रीन प्रोजेक्टर आदि के माध्यम से प्रदर्शित की गयी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

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