बाल सुरक्षा को लेकर अररिया जिला के लिए बेहतरीन रहा साल 2025

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बाल सुरक्षा को लेकर अररिया जिला के लिए बेहतरीन रहा साल 2025


अररिया 31 दिसम्बर(हि.स.)।

बाल संरक्षण की दिशा में अररिया जिला के लिए साल 2025 बेहतरीन रहा।जिले में 335 बाल विवाह रुकवाए गए,वहीं 128 बच्चों को ट्रैफिकिंग गिरोहों के चंगुल से मुख्य कराया गया।बाल सुरक्षा के इस कार्य में जिला पुलिस प्रशासन,एसएसबी 52 वीं एवं 56 वीं बटालियन,रेल पुलिस, रेल सुरक्षा बल एवं जिला बाल संरक्षण इकाई की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

जानकारी जागरण कल्याण भारती के अध्यक्ष संजय कुमार ने दी।उन्होंने बताया कि साल 2025 में 335 को बाल विवाह से बचाया गया,जबकि 128 बच्चों को ट्रैफिकिंग यानी बाल दुर्व्यापार से मुक्त कराया गया। ट्रैफिकिंग से मुक्त कराए गए बच्चों में 23 लड़कियां थीं और 105 लड़के थे।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जागरण कल्याण भारती जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी संगठन है।

जेआरसी के 250 से भी ज्यादा सहयोगी संगठन बाल अधिकारों की सुरक्षा व बच्चों के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए देश के 451 जिलों में काम कर रहे हैं। बचाव, सुरक्षा व अभियोजन की रणनीति पर अमल करते हुए जनवरी 2025 से अब तक देशभर में 1,98,628 बाल विवाह रोके हैं। इसके अलावा, इसी दौरान देशभर से कुल 55,146 बच्चों को ट्रैफिकिंग से मुक्त कराया गया जिनमें 40,830 लड़के व 14,316 लड़कियां थीं। इसके अलावा बच्चों की ट्रैफिकिंग के 42,217 मामले दर्ज कराए गए।

कुमार ने बताया कि अगर हमें गरीबी, बाल मजदूरी और बाल विवाह के दुष्चक्र को तोड़ना है तो इसके लिए पुनर्वास, बच्चों का वापस स्कूलों में दाखिला और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर आर्थिक दृष्टि से संवेदनशील परिवारों की सहायता आवश्यक है।उन्होंने कहा कि अगर सभी धर्मों का पुरोहित वर्ग बाल विवाह संपन्न कराना बंद कर दे तो यह कुप्रथा अपने आप बंद हो जाएगी। इसलिए सभी धर्मों के तीन लाख से ज्यादा धार्मिक नेताओं को इस अभियान से जोड़ा गया है जो लोगों तक यह संदेश पहुंचा रहे हैं कि बाल विवाह गैरकानूनी है और कोई भी धर्म इसकी मंजूरी नहीं देता। जिले में तमाम धार्मिक स्थलों ने बोर्ड लगाए हैं कि इस धार्मिक परिसर में बाल विवाह की स्वीकृति नहीं है।बाल विवाह मुक्त भारत के तहत केंद्र सरकार के सौ दिवसीय गहन जागरूकता अभियान में जिला प्रशासन के साथ समन्वय के साथ जागरण कल्याण भारती विवाह समारोहों में सेवाएं देने वालों और इसकी रोकथाम में अहम कड़ी जैसे टेंट वालों, बैंड वालों, दर्जियों, सजावट करने वालों व कैटरर्स के साथ बैठकें कर उन्हें जागरूक कर रहे हैं कि बाल विवाह में किसी भी प्रकार का सहयोग कानूनन अपराध है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर

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