नवरात्र व्रत से मानव का बढता है आत्मबल:चंचल बाबा

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नवरात्र व्रत से मानव का बढता है आत्मबल:चंचल बाबा


नवरात्र व्रत से मानव का बढता है आत्मबल:चंचल बाबा


पूर्वी चंपारण,10 अक्टूबर (हि.स.)।भारत देवभूमि है,जहां स्थापित सनातन धर्म का महात्म है।इस धर्म के प्रति विदेशियों में भी आकर्षण है।उक्त बाते मोतिहारी शहर के अंबिका नगर स्थित पराम्बा शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर श्री श्री 108 श्री शक्तिशरण जी महाराज उर्फ चंचल बाबा ने नवरात्र के अवसर पर दूर दराज से पधारे अपने शिष्यों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होने दुर्गा पूजा एवं यज्ञ में हवन आहुति पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म का जो महात्म है उससे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व लाभान्वित हो रहा है।इस कारण ही पूरे विश्व में भारत के साधु संत महात्माओं के प्रति आदर और सम्मान है।

उन्होने कहा कि शारदीय नवरात्र में भगवती दुर्गा नव रूप में विराजमान होती है। उन्हे प्रकृति के सृष्टि,पालन और आसुरी प्रवृत्ति का संहार करने का मूल मातृ शक्ति कहा गया है। हमारे ऋषि मुनियों ने इस पर बड़ा खोज किया है। 9 दिन के नवरात्रि पर्व से महामारी, विपत्ति , अशांति, उग्रवाद ,दुर्गुण एवं कमजोरियो को नाश करने की शक्ति मिलती है ।

नवरात्रि का व्रत करने से मनुष्य आत्मबली होता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूप की पूजा की जाती है,जिसमें शक्ति की देवी काली, धन वैभव की देवी लक्ष्मी एवं विद्या की देवी सरस्वती की विशेष पूजा होती है। महाकाली ,महालक्ष्मी एवं सरस्वती स्वरूप दिव्य शक्तियों के अधीन है मंत्रों के द्वारा तांत्रिक जो हवन करते हैं उसमें जो भी पदार्थ मिले होते हैं जिसमें गूगल ,जटामांसी ,लोहवान ,बचकूट,तिल ,चावल ,संक्रादि , आम की लकड़ी के द्वारा जो आहुति डाली जाती है उससे निकलने वाली धुंआ का प्रभाव 100 किलोमीटर तक होता है जो सभी धर्म ,जाति और वर्ग के लोगो को लाभ पहुँचाता है। खासकर स्वास और एलर्जिक रोगियो को काफी लाभ मिलती है।शक्ति शरण महाराज ने कहा कि फिलहाल तो मौसम का हिसाब बदल चुका है कम वर्षा हो रही है लेकिन पहले अतिवृष्टि होती थी जिससे काफी पशु पक्षी मर जाते थे ,बाढ़ और जल जमाव के कारण मछलियां सड़ती थी जिससे दुर्गंध फैलता था और महामारी फैलती थी। बरसात के बाद शारदीय नवरात्र में बृहद पैमाने पर हवन किया जाता है जिसके पीछे का वैज्ञानिक तथ्य है कि उस हवन से पूरा वायुमंडल शुद्ध होता है तथा दुर्गंध एवं गंदगी वाले वातावरण से लोगों को मुक्ति मिलती है।नियमित हवन से आसपास महामारी नहीं फैलती।इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य है।

उन्होने कहा कि प्रकृति दुर्गा के रूप में पूरे विश्व में शांति प्रदान करती है। नवरात्र पूजन से धन,पुत्र व बेहतर स्वास्थ प्राप्त होता है। आरोग्यता और क्रोध का नाश होता है । नवरात्र व्रत में शामिल होने वाले को क्रोध, अशांति, दरिद्रता ,टेंशन, डिप्रेशन आदि से मुक्ति मिलती है।

हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

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