चंपारण सत्याग्रह गांधी जी के नैतिक बल और साहस का जीवंत उदाहरण:राज्यपाल

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चंपारण सत्याग्रह गांधी जी के नैतिक बल और साहस का जीवंत उदाहरण:राज्यपाल


चंपारण सत्याग्रह गांधी जी के नैतिक बल और साहस का जीवंत उदाहरण:राज्यपाल


पूर्वी चंपारण,15 अप्रैल (हि.स.)।गांधी जी के पास न तो कोई शारीरिक शक्ति थी और न ही हथियार। लेकिन उनका नैतिक बल,धैर्य और साहस इतना मजबूत था,कि उन्होने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी। चंपारण सत्याग्रह इसका जीवंत उदाहरण है। उक्त बाते मंगलवार को मोतिहारी स्थित बापू सभागार में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कही।

राज्यपाल महात्मा गांधी के चंपारण पहुंचने के स्मृति में आयोजित 'चंपारण सत्याग्रह, गांधी और किसान' विषयक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि हमें सत्य और अहिंसा आधारित चंपारण सत्याग्रह की स्मृतियों को संजोकर रखने की जरूरत है, जिसने देश को नई दिशा दी।उन्होंने कहा कि जो कौम अपनी ऐतिहासिक विरासत भूलती है,उसका इतिहास और भूगोल भी मिट जाता है।इसके पूर्व राज्यपाल ने गांधी संग्रहालय और चरखा पार्क भी पहुंचे,जहां उन्होने चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी तस्वीरों और मूर्तियों का अवलोकन किया और कहा कि चंपारण के लोग सत्याग्रह की विरासत को प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। बाहर से जो भी आकर चरखा पार्क और गांधी संग्रहालय को देखता होगा उन्हे सत्याग्रह की पूरी अनुभूति हो जाती होगी। सम्मेलन में बड़ी संख्या में जिले के किसान,बुद्धिजीवी,छात्र व गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

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