बौद्ध स्तूप: साउथ कोरिया के बौधिष्ट अशोक स्तंभ पर बुद्ध की पूजा की
बेतिया, 05 नवंबर (हि.स)। पश्चिम चंपारण लौरिया का यह बौद्ध स्तूप विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप है। यहां पहुंचकर हमसब अपने को बहुत भाग्यशाली मानते हैं। उक्त बातें साउथ कोरिया के मॉन्क ईम जीउनहेआ ने रविवार को शाम में नंदनगढ़ पहुंचकर कही। द्विभाषीया और गाइड दिल्ली के दीपक ने कहा कि मैं लौरिया दूसरी बार आया हूं।
कांग इनगा ने बताया कि यहां भगवान बुद्ध का स्तूप है। हमसब बुद्ध की परिक्रमा करने के बाद उनकी पूजा पाठ करने के बाद आरती करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन सार्थक हो गया और हमें मोक्ष की अब प्राप्ति भी हो जाए तो बहुत बड़ी बात होगी। इसके बाद साउथ कोरिया से आए सभी इक्कीसो बौधिष्ठ और पर्यटक नंदनगढ़ की परिक्रमा करने के बाद स्तूप पर बैठकर करीब एक घंटे तक अपने इष्ट देव भगवान बुद्ध की पूजा की और बाद में उनकी आरती करने के नंदनगढ़ पर पहुंचे अन्य पर्यटकों और आसपास के बच्चों को फल, मिठाई और टॉफी दी।
महिला बौधिष्ट ली नामली ने पूछा कि यहां भगवान बुद्ध का इतना बड़ा स्तूप है, फिर भी यहां होटल या कोई विश्रामगृह नहीं है। यह बहुत ही दुःखद बात है। अब हमसब यहां से कुशीनगर जाएंगे और वहीं विश्राम करेंगे। उन्होंने कहा कि इस अद्भुत बौद्ध स्तूप का दर्शन करने हम पुनः आएंगे, लेकिन साउथ कोरिया से सैकड़ों बौधिष्टों को लेकर आएंगे। इसके बाद सभी बुद्धि कुशीनगर के लिए रवाना हो गए।
हिन्दुस्थान समाचार/ अमानुल हक़ /चंदा
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