भूमि सुधार जनसंवाद में मंत्री विजय सिन्हा का सख्त रुख, लापरवाही पर कर्मचारी निलंबित
पटना/मुजफ्फरपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। बिहार के मुजफ्फरपुर में भूमि विवादों के त्वरित समाधान को लेकर आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण संवाद कार्यक्रम उस समय सुर्खियों में आ गया, जब मंच से ही उप मुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और एक राजस्व कर्मचारी को मौके पर ही निलंबित कर दिया।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से “नई सरकार, नई पहल” कार्यक्रम के तहत बिहार विश्वविद्यालय स्थित श्रीकृष्ण सिंह सभागार में इस जनसंवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने की। इस दौरान मुजफ्फरपुर जिले के 16 प्रखंडों से भूमि से जुड़े हजारों आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से कुछ मामलों की सुनवाई स्वयं मंत्री ने की।
सुनवाई के दौरान दाखिल-खारिज एवं अन्य लंबित मामलों का समय पर निष्पादन नहीं होने पर मंत्री ने अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी और हल्का कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई। सबसे अधिक शिकायतें मुशहरी अंचल से सामने आईं। पहला मामला खबरा गांव का था, जहां खतियान में जाति ‘भूमिहार-ब्राह्मण’ दर्ज होने के बावजूद ऑनलाइन रिकॉर्ड में केवल ‘भूमिहार’ दर्शाया जा रहा था। इस पर मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि खतियान के अनुसार ही ऑनलाइन रिकॉर्ड में भी सुधार किया जाए और पहले से चली आ रही व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
भूमि विवाद निपटारे को लेकर मंत्री ने बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि अब भूमि विवाद निपटारा शिविर थाना परिसर में नहीं, बल्कि अंचल कार्यालय में आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए अंचलाधिकारी और थाना अध्यक्ष को संयुक्त रूप से शिविर लगाने का निर्देश दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान मुशहरी अंचल के राजस्व कर्मचारी राकेश कुमार पर लापरवाही का आरोप सिद्ध होने के बाद मंत्री ने उन्हें ऑन द स्पॉट निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि 10 दिनों के भीतर भूमि विवाद से जुड़े मामलों की रिपोर्ट सौंपें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर बर्खास्तगी के साथ-साथ संपत्ति जब्ती की कार्रवाई भी की जा सकती है।
मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले और गड़बड़ी करने वाले किसी भी हाल में नहीं बचेंगे। “सीओ और कर्मचारी कान खोलकर सुन लें, सजा तय है।” उन्होंने साफ किया कि राज्य सरकार भू-माफियाओं और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है। भूमि मामलों में पारदर्शिता, समयबद्ध कार्रवाई और जनहित से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।-------------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

