शैक्षणिक विकास में पत्रकारिता की भूमिका'' विषय पर बीपीएससी अभ्यर्थियों को तैयारी कराई गई
सहरसा,09 दिसंबर (हि.स.)।प्रमंडलीय पुस्तकालय में शनिवार को विशेष कक्षा आयोजित करते हुए ''शैक्षणिक विकास में पत्रकारिता की भूमिका'' विषय पर बीपीएससी अभ्यर्थियों को तैयारी करायी गयी।इस अवसर पर आमंत्रित अतिथि सर्वश्री डा ओमप्रकाश भारती,पूर्व सास्कृतिक राजदूत फीजी व पूर्व निदेशक नार्थ इस्टर्न कल्चरल जोन,कलकत्ता वर्तमान में महात्मा गांधी अन्तर्राष्टीय विश्व विद्यालय में प्राध्यापक(विभागाध्यक्ष),पत्रकारिता जगत के चर्चित पत्रकार नवीन निशांत,कई एनजीओ संचालिका एवं नेशनल रेफरी दीपिका चन्द्रा,मैथिली फिल्म पत्रकार किसलय कृष्ण ,लेखक मुक्तेश्वर प्र सिंह व भूमिसुधार उपसमाहर्ता ललित कुमार सिंह द्वारा विषय विशेषज्ञ के रूप में कई महत्वपूर्ण व ज्ञानवर्धक सूत्र दिये गये।
सर्वप्रथम छात्र शिवेन्द्र कुमार,छात्रा राखी कुमारी, समाधि वर्मा,दिव्या ज्योति व नीतम कुमारी द्वारा शैक्षणिक विकास में पत्रकारिता की भूमिका पर अपने अपने वक्तव्य प्रस्तुत कर अपनी अपनी तर्कपूर्ण बातें रखी।तत्पश्चात किसलय कृष्ण ने कहा कि आप प्रतियोगी परीक्षाओं के अध्यनार्थी हैं।पत्रकारिता की विवेचना ना कर आप सबों को करंट एफेयर्स के लिए उपयोग करें। पत्रकार नवीन निशांत ने कहा कि सबसे पहले तो आप सबों को अखबार और मीडिया में फर्क समझना होगा।अखबार एक लिखित डोकुमेंट है जिसकी जानकारी स्थायी होती है।इसकी एक प्रमाणिकताहै।जबकि मीडिया हर व्यक्ति के मोबाइल द्वारा आपतक बिना जांच परख के पंहुचता है। समाचार विचार भी पत्रों के सम्पादकीय से विस्तृत सूचनाएं देती है।इसलिए हिन्दी एवं अंग्रेजी का एक अखबार निश्चित रूप से कम से कम 10 मिनट भी रोज पढ़ें।
दीपिका चन्द्रा जो सुपौल से आयी थी ,काफी कम उम्र की वक्ता के रूप में शामिल हुई।उसने बताया कि कोई भी कार्य डिटरमिनेशन के साथ करना चाहिए और रोज रूटिन बना लें कि न्यूजपेपर के अपनी रूची के विषय को पढ़ें।डा ओम प्रकाश भारती ने अपनी सफलता का वर्णन करते हुए बताया कि सफलता पाने के लिए हमेशा अवसर का फायदा उठाना चाहिए।सदा जो है उससे अधिक का लक्ष्य हो।ज्ञानवर्धन के श्रोत में अखबार की अहम भूमिका है।
भूमिसुधार उपसमाहर्ता ललित कुमार सिंह ने कहा -मेरा विश्वास है कि मैं बीपीएससी के नि:शुल्क कक्षा के बदले एक ही चीज मांगता हूं कि आप लक्ष्यभेदी बनिये।आपकी सफलता मेरे स्तर से ऊंची हो तभी मुझे संतोष होगा।मैं अपने दिनचर्या से जो समय दे रहा हूं वह कीमती है।अगले माह से प्रत्येक माह के पहले सोमवार को कालेज के छात्र छात्राओं की क्वीज प्रतियोगिता आयोजित कराउंगा।संचालन करते हुए लेखक मुक्तेश्वर प्र सिंह ने कहा प्रमंडलीय पुस्तकालय में पढ़ते हुए आप बीपीएससी अथवा यूपीएससी या अन्य प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण होंगे तो पुस्तकालय का भी नाम होगा।पत्रकारिता की भूमिका शैक्षणिक विकास में अत्यधिक है।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय
/चंदा
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