बिहार के एकलौते रामसर साइट में हुई पक्षियों की गणना, मिले नौ प्रवासी भी
बेगूसराय, 22 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार के एकलौते रामसर साइट काबर झील पक्षी विहार में बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी एवं वन विभाग की ओर से पक्षियों के प्रवास, मोनिटरिंग, प्रवास अध्ययन की तकनीकी जानकारी, पक्षियों की बीमारियों से संबंधित फ्रंटलाइन कर्मियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण पक्षियों की गणना, पहचान और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के वितरण के साथ संपन्न हुआ।
जिसमें काबर टाल पक्षी अभ्यारण्य में 906 पक्षियों की गणना की गई। इनमें 39 प्रजाति की चिड़िया थी। वर्तमान में नौ प्रवासी पक्षियों की भी पहचान की गई। इस दौरान 25 चिड़ियों की रिंगिंग की गई। वन विभाग के सहयोग से बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा बेगूसराय वन प्रभाग के फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
जिसमें दूसरे दिन वन विभाग के फ्रंटलाइन कर्मचारियों को पक्षी निगरानी और आवास निगरानी पर एक फील्ड प्रदर्शन दिया गया। काबर झील की निगरानी के लिए पांच टीमें बनाई गई थी। सर्वेक्षण के दौरान 39 प्रजातियों में की गणना की गई। जिनमें नौ प्रवासी प्रजाति साइबेरियन स्टोनचैट, वुड सैंडपाइपर, कॉमन सैंडपाइपर, तीन प्रवासी वैगटेल प्रजातियाँ, ऑस्प्रे, रूडी शेल्डक मिले हैं।
बीएनएचएस के वैज्ञानिक एस. शिवकुमार स्वामीनाथन ने वाइल्ड बर्ड हैंडलिंग और तकनीक पर जानकारी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि रिंगिंग से प्रवासी पक्षियों के प्रवास मार्ग का पता चलता है। दुनिया भर में पक्षियों के नौ प्रवास मार्ग हैं। इसमें सेन्ट्रल एशियन फ्लाई-वे तथा इस्ट एशियन कोस्टल फ्लाई-वे भारतीय क्षेत्र में मुख्य हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार का क्षेत्र इन दोनों में है। बिहार के बेगूसराय, जमुई, भागलपुर, वैशाली, दरभंगा एवं कटिहार जिले को बर्ड मोनिटरिंग के लिए चुना गया है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए काबर नेचर क्लब के संरक्षक महेश भारती ने काबर के पक्षी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा किया। मौके पर बीएनएचएस के अभिलाष, वर्तिका पटेल, अभय राय, वनरक्षक मुकेश कुमार एवं अमन कुमार आदि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा
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