प्रत्येक पांच वर्ष पर होगा शिक्षकों का स्थानांतरण
पटना, 07 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का अब हर पांच वर्ष के बाद स्थानांतरण होगा। नीतीश सरकार ने सोमवार को शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नीति लागू कर दी है। इसके तहत शिक्षकों का हर पांच साल पर स्थानांतरण किया जाएगा। हालांकि, दिव्यांग या बीमार शिक्षकों की समस्या को देखते हुए पांच वर्ष से पहले भी स्थानांतरण किया जा सकता है।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि नई नीति के तहत सभी बीपीएससी से नियुक्त, सक्षमता परीक्षा पास और पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों का स्थानांतरण प्रत्येक पांच साल पर किया जाएगा। स्थानांतरण के लिए शिक्षकों को 10 विकल्प दिए जाएंगे और यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। जिन शिक्षकों को शारीरिक दिव्यांगता या गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी और उनका स्थानांतरण पहले ही हो सकता है। इसके अलावा पति-पत्नी को एक ही विद्यालय में पोस्टिंग की सुविधा भी इस नीति में दी गई है।
सुनील कुमार ने कहा कि सरकार की इस नई नीति के तहत पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सॉफ्टवेयर आधारित एप्लीकेशन के जरिए तबादले और पोस्टिंग की जाएगी। इसके लिए विभाग एक खास सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है। रिक्तियों की गणना शिक्षा का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना 10 से 30 प्रतिशत के अनुपात में होगी। इसमें 10 नियमित शिक्षक, 30 स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षक, 30 योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक तथा 30 प्रतिशत बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षक शामिल होंगे। कार्य निष्पादन के क्रम के आधार पर स्थानांतरण एवं पदस्थापना की जाएगी। किसी विशेष विद्यालय में महिला शिक्षकों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना की सीमा 70 प्रतिशत होगी।
सुनील कुमार ने कहा कि स्थानीय राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्तता, वित्तीय अनियमितता, नैतिक भ्रष्टाचार और गंभीर आरोप सिद्ध होने की स्थिति में छात्र हित में ऐसे शिक्षकों का जिले से बाहर तबादला किया जाएगा। डीईओ को ऐसे शिक्षकों की शिकायत जिला पदाधिकारी और मुख्यालय से करनी होगी। इसके बाद आयुक्त द्वारा उनका तबादला किया जाएगा। जिले के अंदर तबादला व पदस्थापना के लिए शिक्षा विभाग जिला स्थापना समिति बनाएगा। इसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे जबकि उप विकास आयुक्त, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना, जिला पदाधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति से नामित पदाधिकारी, महिला वरीय उपसमाहर्ता, जिला पदाधिकारी द्वारा नामित अल्पसंख्यक पदाधिकारी सदस्य होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी
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