चार्टर में सुझाये गये उपायों को अमल में लाने से जल संचयन एवं पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी : डॉ डीके शुक्ला

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चार्टर में सुझाये गये उपायों को अमल में लाने से जल संचयन एवं पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी : डॉ डीके शुक्ला


पटना, 29 अगस्त (हि.स.)। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा चीनी मिलों से उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण के निवारण एवं जल संरक्षण के लिए एक विस्तृत चार्टर प्रकाशित किया गया है। इस चार्टर पर सभी हितधारकों से चर्चा करने के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने गुरुवार को एक परामर्श बैठक आयोजित की। बैठक में उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए पर्षद के अध्यक्ष डॉ डीके शुक्ला ने कहा कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नये चार्टर में सुझाये गये उपायों को अमल में लाने से जल संचयन एवं पर्यावरण संरक्षण में काफी मदद मिलेगी।

डॉ डीके शुक्ला ने कहा कि आधुनिक तकनीकों के उपयोग से उत्सर्जित बहिस्राव की गुणवत्ता को बेहतर रखा जा सकता है तथा अपशिष्टों के बेहतर प्रबंधन से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम से कम किया जा सकता है।

बैठक में सभी हितधारक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली की अपर निदेशक रीना सतावन ने बताया कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विशेषकर गंगा और उसकी सहायक नदियों के समीप चीनी मिलों के संचालन से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में उनके बहिस्राव के उचित उपचार के लिए एक चार्टर प्रकाशित किया गया था। इसके अनुपालन में संबंधित मिलों द्वारा तकनीक के उन्नयन, अपशिष्ट के न्यूनीकरण, बहिस्राव उपचार संयंत्रों का उन्नयन कर प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक प्रयास किये गये हैं। परन्तु, किये गये ये प्रयास समुचित नहीं हैं। इन्हें और दृढ़ता से लागू किये जाने की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इस क्षेत्र में कार्य कर रही विशेषज्ञ संस्थाओं जैसे- वीएसआई, एनएसआई, उद्योग विशेषज्ञों, तकनीकी सलाहकारों एवं अन्य के साथ गहन परामर्श कर ‘चीनी उद्योगो के लिए जल संरक्षण एवं प्रदूषण निवारण के लिए विस्तृत चार्टर 2.0’ तैयार किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य मृदु जल के उपयोग में कमी लाकर प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को सुनिश्चित करना है। नये पर्यावरणीय मानकों को तय करना एवं उनका सतत् रूप से चीनी उद्योग द्वारा अनुपालन किया जाना अपेक्षित है।

हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

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