खादी हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर के साथ आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का प्रतीक है : डॉ दिलीप जयसवाल

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पटना, 03 अक्टूबर (हि.स.)। खादी को बढ़ावा देने की पहल के मौके पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल ने गुरुवार को यहां कहा कि खादी न केवल हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का प्रतीक भी है। महात्मा गांधी के सपनों के भारत को साकार करने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है । उन्होंने खादी उत्पादों की खरीदी के माध्यम से लोगों से खादी अपनाने और इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की ।

इस अवसर पर डॉ दिलीप जायसवाल ने खादी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि खादी वस्त्र न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि ग्रामीण कारीगरों और बुनकरों के रोजगार का भी प्रमुख साधन हैं । डॉ जायसवाल ने कहा कि खादी को अपनाकर हम ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं । उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन द्वारा खादी के प्रचार-प्रसार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, और ऐसे आयोजनों से खादी उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है ।

डॉ दिलिप जायसवाल ने यह भी कहा कि खादी न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है, बल्कि यह हमारे देश की आत्मनिर्भरता की पहचान भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' अभियान के तहत खादी को बढ़ावा देने की इस मुहिम का उद्देश्य छोटे कारीगरों और स्थानीय उद्योगों को सशक्त बनाना है । उन्होंने इस मौके पर खादी मॉल के महत्व और इसके जरिए खादी उत्पादों को बड़े स्तर पर बाजार में लाने की बात कही ।

उल्लेखनीय है कि खादी के प्रति जागरूकता और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए गुरुवार को पटना के गांधी मैदान स्थित खादी मॉल में एक विशेष आयोजन किया गया । इस आयोजन में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने खादी उत्पादों की खरीदारी कर खादी उद्योग को समर्थन देने की अपील की ।

हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

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