शहर के सराही टोला में 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के निमित्त हुआ भूमि पूजन
सहरसा,18 फरवरी (हि.स.)।गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया।इस सत्र को संबोधित करते डाॅ.अरुण कुमार जायसवाल ने कहा जो भी परिस्थिति हमारे सामने होती है। हम कुछ जानते हैं और कुछ नहीं जानते है।हमारे पास मन और बुद्धि जानकारी के साधन है। कम्नेसिस सिस्टम है।इसके अलावा कुछ नही है।मन बुद्धि की समझ थोड़ी हो भी सकती है थोड़ी नहीं भी हो सकती है।जिस की मन बुद्धि अधिक होती है। वह व्यक्ति उस हिसाब से ज्ञान प्राप्त कर लेता है।जब चारो तरफ अंधकार ही अंधकार हो तब हमें परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए।
उन्होंने महात्मा बुद्ध के संबंध में कहा-लोग कहते हैं महात्मा बुद्ध कौन थे।क्या महात्मा बुद्ध भगवान के अवतार थे।शिव के अवतार थे।इस संबंध में उसने कहा-महात्मा बुद्ध एक जीवन मुक्त ऋषि थे।उनकी तपस्या अगाध थी।उसने कभी ईश्वर की चर्चा नही की और न किसी देवी देवता की बात की।बुद्ध ने सिर्फ जीवन की बात की।दुख है,दुख का कारण है और उसका निवारण है।महात्मा बुद्ध ने सिर्फ यही बात कही है।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा
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