उच्च न्यायालय के आदेश पर सिकरौल पोखरा पर से प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण
बक्सर, 23 दिसंबर (हि.स.)।प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए चौसा प्रखंड के सिकरौल गांव स्थित ऐतिहासिक पोखरे को अतिक्रमण से मुक्त मंगलवार को करा दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में विशेष अभियान चलाकर वर्षों से जमे अवैध कब्जों को हटाया गया।
इस कार्रवाई का उद्देश्य सरकारी भूमि को मुक्त कराने के साथ-साथ गांव के प्रमुख जलस्रोत के अस्तित्व को बचाना रहा।
अंचल पदाधिकारी नीलेश कुमार के नेतृत्व में राजस्व अधिकारी उद्धव मिश्रा एवं राजपुर थानाध्यक्ष श्रीनिवास कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे। प्रशासनिक टीम ने पूरी तैयारी के साथ बुलडोजर की मदद से पोखरे की भूमि पर बनी झोपड़ियों और कच्चे आवासों को हटाया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि सिकरौल पोखरा सरकारी अभिलेखों में सार्वजनिक जलस्रोत के रूप में दर्ज है। ऐसे में इस पर निजी अतिक्रमण न केवल अवैध है, बल्कि पर्यावरण और ग्रामीण जीवन के लिए भी घातक है। कुल 26 अतिक्रमणकारियों को पूर्व में नोटिस देकर स्वेच्छा से कब्जा हटाने का अवसर दिया गया था, लेकिन निर्धारित समय सीमा तक अनुपालन नहीं होने पर मजबूरन प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी पड़ी।
अंचल पदाधिकारी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान मानवीय पहलू का भी पूरा ध्यान रखा गया है। जांच में 13 परिवार वास्तविक रूप से भूमिहीन पाए गए हैं, जिनके पुनर्वास के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि आगे भी जिले के सभी सार्वजनिक जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान निरंतर जारी रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार ओझा

