बड़े भाई को हराकर एमएलए बना, अब राजद की टिकट पर अररिया लोकसभा से ठोकेंगे ताल
फारबिसगंज/अररिया, 10 अप्रैल(हि.स.)।अररिया लोकसभा सीट से राजद का टिकट पाने वाले शाहनवाज आलम को राजनीति विरासत में मिली है. वह पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री और सीमांचल के गांधी के नाम से मशहूर तस्लीमुद्दीन के तीसरे बेटे हैं. उनके बड़े भाई सरफराज आलम हैं.
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत राजद से की थी और 2018 में अररिया जिले के जोकीहाट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में विधायक बने थे. अपने बड़े भाई सरफराज आलम द्वारा सीट छोड़ने के चलते उन्होंने चुनाव लड़ा था. सरफराज आलम ने अररिया लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतने के बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. 2017 में तस्लीमुद्दीन के निधन के कारण अररिया लोकसभा सीट पर उपचुनाव करना पड़ा था.
बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने जोकीहाट से शाहनवाज आलम की जगह उनके बड़े भाई सरफराज को टिकट दे दिया था, जिससे नाराज होकर शाहनवाज ने AIMIM की टिकट पर ताल ठोक दी थी और बड़े भाई को हराया था. मौजूदा समय में वह जोकीहाट विधानसभा से विधायक हैं. शाहनवाज ने 2022 में AIMIM छोड़कर RJD ज्वाइन कर लिया था और महागठबंधन सरकार में मंत्री बने थे.
अररिया से राजद की टिकट के लालसा में तस्लीमुद्दीन के बड़े बेटे सरफराज आलम भी कतार में थे और कई सालों से काफी एक्टिव नजर आ रहे थे. वह पार्टी के सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. हालांकि, उन्हें मायूसी हाथ लगी है वे देखते रह गए छोटे ने मार लिए बाजी।
हिन्दुस्थान समाचार/ प्रिंस कुमार /चंदा
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