एडीजे चतुर्थ ने दोषी पिता-पुत्र को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
अररिया, 18 दिसम्बर(हि.स.)।
अररिया अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवि कुमार की अदालत ने बसमतिया में सवा साल पहले नवविवाहिता की फांसी लगाकर हत्या करने के बाद शव को छिपाने के मामले में गुरुवार को सजा सुनाई। एडीजे चतुर्थ कोर्ट ने मामले में नवविवाहिता के पति और ससुर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
जुर्माने की राशि की अदायगी नहीं करने पर दोनों दोषियों को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्णय अपने आदेश में दिया। कोर्ट ने या फैसला सत्रवाद संख्या 792/2024,जो बसमतिया थाना कांड संख्या 31/2024 से संबंधित है।मामले का शिकायतकर्ता मृतका के पिता एवं नरपतगंज थाना क्षेत्र के बड़हरा पंचायत के बरदाहा वार्ड संख्या 8 निवासी भुवनेश्वरी यादव पिता स्व.निर्धन यादव है।
घटना पिछले साल 2024 के 24 अगस्त की है।जिसमें दो साल पहले ही विवाही गई 28 वर्षीया बुलबुल देवी की हत्या ससुराल वालों ने दो लाख रूपये और बुलेट मोटरसाइकिल को लेकर कर दी थी।फांसी लगाकर नवविवाहिता की हत्या के बाद ससुराल वालों ने शव को गायब कर दिया था।जिसे स्थानीय बसमतिया थाना पुलिस के द्वारा ढूंढकर निकाला गया था।जबकि दामाद कुंदन यादव ने अपने ससुर भुवनेश्वरी यादव को बेटी के लापता हो जाने की जानकारी दी थी। शादी के बाद से ही 2 लाख रुपये और मोटरसाइकिल के लिए ससुराल वालों द्वारा नवविवाहिता को प्रताड़ित किया जा रहा था और इस मांग को लेकर विवाहिता को मायके भी नहीं जाने दिया जा रहा था।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अप रलोक अभियोजक प्रभा कुमारी और अभियुक्तों की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह ने कोर्ट में अपनी अपनी दलीलें दी।जिसे सुनने के बाद एडीजे चतुर्थ रवि कुमार की अदालत ने भारतीय न्याय संहिता 80(2) में अपराध के अंतर्गत आजीवन कारावास और 50 हजार रूपये की जुर्माने की सजा सुनाई।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर

