आनन्द मार्ग के तत्वावधान में त्रिदिवसीय सेमिनार सह योग साधना शिविर का शुभारंभ

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आनन्द मार्ग के तत्वावधान में त्रिदिवसीय सेमिनार सह योग साधना शिविर का शुभारंभ


आनन्द मार्ग के तत्वावधान में त्रिदिवसीय सेमिनार सह योग साधना शिविर का शुभारंभ


कटिहार, 02 फरवरी (हि.स.)। शहरी क्षेत्र स्थित चन्द्रकला गार्डेन में आनन्द मार्ग के तत्वावधान में सहरसा डायोसिस का त्रिदिवसीय सेमिनार सह योग साधना शिविर का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर सेमिनार के मुख्य प्रशिक्षक आचार्य नाभातीता नन्द अवधूत जी के द्वारा, आनन्द मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनन्द मूर्ति जी के प्रतिकृति पर माल्यार्पण कर किया गया।

मुख्य प्रशिक्षक ने अपने व्याख्यान में शिवोपदेश विषय पर बोलते हुए कहा कि मनुष्य की शक्ल में इस धरती पर चार मानसिकता वाले लोग हैं। जीव कोटी, मानव कोटी, ईश्वर कोटी और ब्रह्म कोटी के मनुष्य। इसी सोच के अनुसार उनका कर्म करने का सोच बनता है। हर जीव को ब्रह्म का चिन्तन करते करते एक दिन ब्रह्म कोटी में प्रतिष्ठित होना है। ब्रह्म कोटी में जीव को प्रतिष्ठित करने के लिए ही अब तक धरती पर तीन वार महासम्भूति का आगमन हुआ है, जिसमें आज से साढ़े सात हजार वर्ष पूर्व सदाशिव के रूप में, साढ़े तीन हजार वर्ष पूर्व श्री कृष्ण जी के रुप में और वर्तमान में श्री श्री आनन्द मूर्ति जी के रुप में।

भुक्ति प्रधान रवि रश्मि ने बताया कि त्रिदिवसीय कार्यक्रम में मुख्य रूप से तीन विषयों में पहला शिवोपदेश, दूसरा मंत्र चैतन्य और तीसरा आर्थिक गतिशीलता की व्याख्या होगी। 03 फरवरी को दिन के दो बजे शोभा यात्रा एवं अपराह्न तीन बजे से संध्या पांच बजे तक विचार संगोष्ठी होगा। जिसका विषय है- आत्म निर्भर समाज निर्माण में भारत की विविधता की प्रयोजनीयता।

हिन्दुस्थान समाचार/विनोद/चंदा

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