अररिया में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को खिलाई गई एल्बेंडाजोल टैबलेट

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अररिया में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को खिलाई गई एल्बेंडाजोल टैबलेट


अररिया में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को खिलाई गई एल्बेंडाजोल टैबलेट


फारबिसगंज/ अररिया, 4 सितंबर (हि.स.)। अररिया जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर जिले में 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा का सेवन कराने के उद्देश्य से जिले में विशेष अभियान संचालित किया गया।वही, इस अभियान के क्रम स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी सरकारी व निजी विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा सेवन कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षित कर्मियों की देखरेख में बच्चों को उनके उम्र के हिसाब से निर्धारित मात्रा में कृमि नाशक दवा अल्बेंडाजोल का सेवन कराया गया।

जिला मुख्यालय स्थित पल्स टू बालिका उच्च विद्यालय में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह एनडीडी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ मोईज द्वारा स्कूली बच्चों को दवा खिलाकर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत किया गया। कार्यक्रम में स्कूल के प्राचार्य युगेश कुमार झा, डीपीएम संतोष कुमार, एमओआईसी अररिया पंकज कुमार निराला, डीसीएम सौरव कुमार, एनडीडी कार्यक्रम के जिला समन्वयक शाहीद रेजा, यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य कुमार सिंह, यूनिसेफ के राकेश कुमार शर्मा, बीएचएम खतीब अहमद, बीसीएम डोली सिंह, स्कूल के सहायक शिक्षक प्रकाश झा सहित बड़ी संख्या में स्कूली छात्राएं उपस्थित थी।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी द्वारा स्कूली बच्चों को बताया गया कि मुख्य रूप से 06 प्रकार के कृमि यानी पैरासाइट हमारे पेट में पाये जाते हैं, जो दैनिक भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों को अवशोषित करते रहते हैं। इससे हमें आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता है। इस कारण हमें कुपोषण, एनीमिया जैसे गंभीर रोगों का सामना करना पड़ता है। कृमि की अधिकता के कारण शारीरिक कमजोरी, दुर्बलता, पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या, भूख नहीं लगना, शरीर के रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता का ह्रास सहित अन्य कई समस्या झेलनी पड़ती है। इससे हमारा शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास प्रभावित होता है। किशोरों में आमतौर पर ऐसी समस्या अधिक दिखती है। इससे बचाव के लिये सामूहिक रूप से बच्चों को कृमि नाशक दवा का सेवन कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष अभियाना संचालित किया जाता है। ताकि किशोर-किशोरियों को इसके दुष्प्रभाव से मुक्त रखा जा सके। विद्यालय के प्राचार्य युगेश कुमार झा ने भी बच्चों को दवा सेवन के महत्व से अवगत कराते हुए स्कूली बच्चियों को दवा सेवन के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया।

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम संतोष कुमार ने बताया अभियान के क्रम में जिले में 01 से 19 साल तक के 17 लाख 90 हजार 576 बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। किसी कारण दवा सेवन से वंचित बच्चों को दवा सेवन कराने के उद्देश्य से आगामी 11 सितंबर को मॉपअप राउंड संचालित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि नियमित अंतराल पर दवा का सेवन जरूरी है।

एनडीडी कार्यक्रम के जिला समन्वयक शाहीद रेजा ने बताया कि जिले के सभी 2418 आंगनबाड़ी केंद्र, 2224 सरकारी विद्यालय, 399 निजी विद्यालयों में एक साथ अभियान संचालित किया जा रहा है। इस क्रम में आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से 10 लाख 76 हजार 119 बच्चों को व विभिन्न सरकारी व निजी विद्यालयों के माध्यम से 07 लाख 14 हजार 457 स्कूली बच्चों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित है। डीसीएम सौरव कुमार ने बताया कि अभियान की सफलता के लिये प्रखंडवार पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध कराया गया है। अभियान की सफलता को लेकर संबंधित कर्मियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Prince Kumar

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