नेपाल में प्याज के निर्यात पर रोक के बाद कस्टम एवं एसएसबी की तैनाती के बावजूद मुख्य सीमा से बढ़ी तस्करी

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नेपाल में प्याज के निर्यात पर रोक के बाद कस्टम एवं एसएसबी की तैनाती के बावजूद मुख्य सीमा से बढ़ी तस्करी


नेपाल में प्याज के निर्यात पर रोक के बाद कस्टम एवं एसएसबी की तैनाती के बावजूद मुख्य सीमा से बढ़ी तस्करी


















अररिया,18 जनवरी(हि.स.)। भारतीय बाजार में प्याज की कमी एवं इसकी बढ़ती कीमतों को लेकर भारत सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।वहीं प्याज के निर्यात पर लगाये गये प्रतिबंध के बाद से सीमावर्ती क्षेत्र में प्याज की तस्करी व्यापक पैमाने पर होने लगी है।छोटे बड़े कई तस्करों के गिरोह दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे में प्याज को बड़े पैमाने पर नेपाल भेजने के धंधे में संलिप्त हैं। जिससे तस्करों की चांदी कट रही है।

प्याज तस्करों की बात करें तो उनका मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि सीमा पर कस्टम और एसएसबी के तैनाती के बावजूद प्रतिदिन सैकड़ों बोरा प्याज मुख्य सीमा से होकर ही ले जा रहे हैं।खुदरा बाजार में प्याज की कीमत नेपाल में भारत की तुलना में काफी अधिक है।सीमा पार तैनात एसएसबी और कस्टम के अधिकारी और कर्मी प्याज की हो रही तस्करी के बीच मूकदर्शक बने हुए है।

उल्लेखनीय हो कि भारत सरकार के वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के द्वारा अपने विदेशी व्यापार नीति में परिवर्तन करते हुए 08 दिसंबर 2023 से 31मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जोगबनी एसएसबी कैंप प्रभारी सहायक सेनानायक अरुण एडनुर डी ने बताया कि सीमा पर तैनात जवानों को प्याज की तस्करी को लेकर कड़े दिशा निर्देश दिये गये हैं। वहीं उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्हें कस्टम द्वारा सहयोग नहीं मिल पाने के कारण भी प्याज तस्करों को पकड़ने में दिक्कत होती है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा

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