अब्दुल रऊफ हत्याकांड में बारह साल बाद आया फैसला,कोर्ट ने तीन को सुनाई अलग अलग सजा

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अब्दुल रऊफ हत्याकांड में बारह साल बाद आया फैसला,कोर्ट ने तीन को सुनाई अलग अलग सजा


अररिया 11 मार्च (हि.स.)। अररिया आरएस थाना क्षेत्र के चंद्रदेई में 23 फरवरी 2013 को हुए अब्दुल रऊफ हत्याकांड मामले में बारह साल के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक को जहां आजीवन सश्रम कारावास को सजा सुनाई है जबकि , दूसरे आरोपी को दो साल और एक आरोपी को एक साल की सजा सुनाई।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रवि कुमार की अदालत ने सत्र वाद संख्या 232/2014 में तीन आरोपियों को सजा सुनाई।मामला अररिया आरएस थाना प्राथमिकी कांड संख्या 232/2013 से संबंधित है।कोर्ट ने हत्या के आरोपी मो. आफाक को भादवि की धारा 302 में आजीवन सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।साथ ही जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर दोषी को छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतने का भी आदेश अपने निर्णय में दिया।न्यायालय ने मामले के अन्य आरोपी मो. इस्तियाक को भादवि की धारा 324 में दो साल और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई और जुर्माने की रकम नहीं अदा करने पर एक महीने तक की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया।

मामले के तीसरे आरोपी मो. नैयर को भादवि की धारा 323 में एक वर्ष की सजा सुनाई गई । आरोपी मो. आफाक,मो. इस्तियाक दोनों के पिता मो.तैय्यब और मो. नैयर के पिता मो.अतीक चंद्रदेई का रहने वाला है। न्यायालय ने मामले में मो. मुश्ताक, मो. महफूज उर्फ मोफा,मो. अय्यास, मो. मतीन,मो.नौशाद,मो. एकलाख, अंजुम आरा, बीबी नईमा,मो. अतीक, मो. सिद्दीक, मुस्ताक उर्फ लट्टू, सऊद, सूफियान, मोबिन, हबीब, असगर बाकी बचे हुए सोहेल आरोपियों को साक्ष्य के आभाव में रिहा कर दिया ।

अररिया आरएस थाना में मो. साबिर आलम पिता तौहीद आलम ने भादवि की धारा 147,148,149,341,342,452,323,324,307,380,504,506 में दर्ज कराई थी । 23 फरवरी 2013 को सभी आरोपियों के विरुद्ध नाजायज मजमा बनाकर सूचक साबिर आलम, अब्दुल रउफ उर्फ अब्दुल रहमान, बीबी कुलसुम, इस्तियाक, शमसुल को घेरकर मारपीट, गाली गलौज कर घातक हथियार से लैस होकर अब्दुल रउफ की जानलेवा हमला करने और पूर्णिया ले जाने के क्रम में उसकी मृत्यु हो जाने का केस दर्ज कराया गया था।

सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता कृष्ण मोहन सिंह ने न्यायालय से प्रथम अपराध बताते हुए कम से कम सजा सुनाए जाने की गुहार लगाई, जबकि सरकार के ओर से अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी ने न्यायालय के समक्ष अपनी दलीलें दी।दोनों ही पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने तीनों ही दोषियों को सजा सुनाई।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर

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