अभाविप के स्वामी विवेकानंद प्रतिभा खोज परीक्षा में शामिल हुए 91 सौ छात्र-छात्राएं
बेगूसराय, 24 दिसम्बर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला इकाई के तत्वावधान में रविवार को जिला स्तरीय स्वामी विवेकानन्द प्रतिभा खोज प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा जीडी कॉलेज, तेघड़ा, बरौनी, बीहट, मंझौल, वीरपुर, नीमा चांदपुरा, नावकोठी, बखरी, बलिया, गढ़पुरा एवं भगवानपुर प्रखंड में एक साथ आयोजित किया गया।इस परीक्षा में जिला भर के 91 सौ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिसमें नवम से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्रा शामिल थे।
पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि यह परीक्षा विगत 15 वर्षों से जिला भर में आयोजित होता आ रहा है। विधार्थी परिषद का स्पष्ट मत है की विधार्थी कल का नहीं, आज का नागरिक है। ऐसे में नियमित रूप से छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए परीक्षा का आयोजन किया जाता रहा है।
संगठन छात्र-छात्राओं को प्रतिभा को निखारने का सुनहरा अवसर देती है। मौके पर उपस्थित विभाग संयोजक विजेन्द्र कुमार एवं निवर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य आलोक कुमार ने कहा कि इस प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले छात्र-छात्राओं को टैब, द्वितीय स्थान पर आने वाले को साइकिल एवं तृतीय स्थान पर आने वाले को घड़ी पुरुस्कार में दिया जाएगा।
इसके साथ ही अन्य 25 छात्र-छात्राओं के लिए आकर्षक पुरुस्कार वितरण किया जाएगा। प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सत्यदेव कुमार एवं राज्य विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख कन्हैया कुमार ने बताया इस परीक्षा में करीब छह हजार छात्राओं ने भाग लिया जो अपने आप में एतिहासिक है। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं विद्यार्थी परिषद भी ऐतिहासिक 75 वर्ष पूरा कर चुकी है।
राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य पुरषोत्तम कुमार एवं विभाग संयोजक सोनू कुमार ने कहा कि परीक्षा के परिणाम की घोषणा 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद के जन्म जयंती पर जीडी कॉलेज में ही किया जाएगा। बेगूसराय के अन्य प्रखंडों में क्षेत्रीय पुरुस्कार वितरण किया जाएगा। सभी प्रखंड में क्षेत्रीय पुरुस्कार के रूप में ट्रॉली बैग, घड़ी एवं ट्रैक सूट तथा 25 अन्य आर्कषक पुरुस्कार दिया जाएगा।
जिला प्रमुख मुकेश कुमार एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजाजीत ने बताया की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिक्षा तथा सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाला विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन हैं। 1947 देश के आजादी के बाद जब देश राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय क्षेत्र में उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब विद्यार्थी परिषद का एक अभियान शुरू हुआ। विद्यार्थी परिषद ने यह मत रखा कि छात्र शक्ति-राष्ट्र शक्ति है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा
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