सखी वन स्टाप सेंटर में कुल 68 केस दर्ज, जिसमें 43 मामलों का हुआ सफलतापूर्वक निष्पादन

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सखी वन स्टाप सेंटर में कुल 68 केस दर्ज, जिसमें 43 मामलों का हुआ सफलतापूर्वक निष्पादन


सहरसा,02 जुलाई (हि.स.)। जब एक औरत मां बनती है तो उसके लिए उसका बच्चा ही उसकी पूरी जिदगी होती है।मां सोते जागते उठते बैठते तो सिर्फ अपनी बच्चे के बारे में ही सोचती है।

खुद भूखे सो जाती है पर अपने बच्चे को खाना खिलाना नहीं भुलती चाहे उसके एक बच्चे हो या पांच। परतु वही बच्चें बड़े हो कर अपनी माँ का अपमान करते है।खाना-पीना देना तो दूर उनसे ठीक ढंग से बात भी नहीं करते। कुछ ऐसा ही घटना सहाना खातुन के साथ हुआ। उनके पांच पुत्र व तीन पुत्रियां है। सभी की शादी उन्होनें कर दी है और स्वयं चूड़ी बेचकर अपना गुजर बसर कर रही है।

कुछ वर्ष पहले उनके पति का देहान्त हो गया तब से वे बीमार भी रहने लगी। शहर के भीड़-भाड़ वाले एरिया में पति ने घर बनाया जहां सभी बच्चे अपने-अपने परिवार के साथ अलग रहते है। सिर्फ छोटा लड़का ही है जो उनकी देखभाल करता है। परंतु बहुत कठिनाई से करता है। ऐसे में सहाना खातुन ने अपने अन्य बच्चों से अपने ईलाज के लिए पैसे मांगे परंतु सब ने मना कर दिया इसलिए सहाना खातुन ने सखी वन स्टॉप सेंटर में आकर अपना आवेदन दिया।

उनके आवेदन के आलोक में केन्द्र प्रशासक मुक्ति श्रीवास्तव ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी पुत्रों को नोटिस भेजकर कार्यालय बुलाया जहा दोनो पक्षो का कई परामर्शन के पश्चात बेटो ने मां के भरण-पोषण के लिए खर्च देने का एकरार किया। ऐसे में ''सखी'' वन स्टॉप सेंटर ने एक मा को उसके बच्चे के साथ जुडने एवं उन्हे उनका फर्ज याद दिलाने में एक पुल का कार्य किया।

ऐसे ही कई मामले प्रतिदिन ''सखी'' वन स्टॉप सेंटर में दर्ज किए जाते है जिनका परामर्शन केस वर्कर नमिता शंकर एवं रेशमा प्रवीण के द्वारा करते हुए पीडित महिला को इंसाफ दिलाया जाता है। ''सखी'' वन स्टॉप सेंटर में महिला के साथ सखी अर्थात सहेली जैसे व्यवहार किया जाता है। जिससे महिलाए अपनी समस्या को बेझिझक बताती है। सखी वन स्टॉप सेंटर जिला प्रशासन के अधीन समाहरणालय परिसर में संचालित है। जहाँ घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, लैंगिक हिंसा एवं महिला प्रताड़ना की शिकार महिला को कानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श, चिकित्सकीय सहायता एवं एफआईआर में सहायता प्रदान की जाती है। बताते चले कि वन स्टॉप सेंटर में इस वित्तीय वर्ष माह अप्रैल से जून तक कुल 68 केस दर्ज हुए है और 43 मामलों का निष्पादन सफलतापूर्वक किया गया है। महिलाए चाहे तो अपनी समस्या टॉल फ्री न0 181 अथवा मोबाईल नंबर 9771468027 पर भी दर्ज करवा सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/गोविन्द

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