एशिया के दूसरे सबसे बड़े जन्माष्टमी मेला में उमड़ रहा है जनसैलाब
बेगूसराय 22 अगस्त (हि.स.)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को लेकर बिहार की सांस्कृतिक राजधानी बेगूसराय की हर गलियां राधा कृष्ण मय हो गई है। बेगूसराय के 50 से अधिक पंडाल में पधारे कृष्ण संग राधा और मीरा के दर्शन को बिहार के विभिन्न हिस्से ही नहीं, कई राज्यों के श्रद्धालु के अलावा भारी संख्या में एनआरआई भी उमड़ रहे हैं।
सबसे अधिक भीड़ जन्माष्टमी मेला परिसर तेघड़ा बाजार में जुट रही है। जहां रोज पांच लाख से अधिक श्रद्धालु 15 पंडालों में पधारे प्रभु कृष्ण का दर्शन कर रहे हैं, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झूम रहे हैं। तेघड़ा के अलावा बरौनी, सुशील नगर, सूजा, मंझौल एवं चेरिया बरियारपुर में भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। जहां की लोग लगातार श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर ''राधे-राधे हरे कृष्ण मुरारी'' की धुन पर लगातार झूम रहे हैं।
पंडालों में सजी श्रीकृष्ण, राधा, मीरा, वासुदेव आदि की प्रतिमाएं जहां श्रद्धालु भक्तजनों के आकर्षण का केंद्र है, वहीं आकर्षक मीना बाजार और विभिन्न प्रकार का झूला बच्चों को आकर्षित कर रही है। सबसे बड़ी बात है कि बेगूसराय में लगने वाला एशिया का सबसे बड़ा कृष्ण जन्मोत्सव मेला ना सिर्फ श्रद्धा भक्ति और मनोरंजन का केंद्र है, बल्कि यह ग्रामीण कौशल और आत्मनिर्भरता के साथ आर्थिक समृद्धि का भी स्रोत है।
इस मेला में गांव-गांव में बनने वाले लोकल उत्पादों की सजी दुकाने आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। बेगूसराय में इस छह दिवसीय मेला में प्रत्येक दिन 25 करोड़ से अधिक का कारोबार हो रहा है। जिसमें से अधिकांश पैसा गांव तक पहुंच रहा है और यह गांव की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा। यही कारण है कि जन्मोत्सव मेला को लेकर हिंदू-मस्लिम, अमीर-गरीब, सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों को इंतजार रहता है। फिलहाल सारी कवायद के बीच बेगूसराय का चप्पा-चप्पा श्रीकृष्ण भक्ति में लीन है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

