डाॅक्टर पर हमले के खिलाफ आईएमए और भाषा ने हड़ताल में पट्टी लगाकर काम किया
पूर्णिया, 21 नवंबर(हि. स.)। डॉक्टर पर कभी न कभी किसी न किसी रूप में हर महीने मरीज के परिजनों द्वारा हमला किया जाता है। एक घटना पूर्णिया के एक सर्जन के साथ हुआ जिसके बाद पूरे बिहार के डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया। पूर्णिया में भी ओपीडी सेवाएं बंद रही और सभी डॉक्टर हड़ताल पर रहे।
पूर्णिया में मरीज की मौत के बाद सर्जन डॉक्टर राजेश पासवान के साथ हुई मारपीट और जानलेवा हमले के विरोध में आईएमए के बुलाए गए बिहार बंद का व्यापक असर दिखा। जीएमसीएच के डॉक्टरों ने सर, हाथ और पैर पर पट्टी लगाकर सर्जन पर हुए जानलेवा हमले का विरोध किया। घटना के विरोध में जीएमसीएच की ओपीडी सेवा बंद बाधित रहा और पूरी तरह सन्नाटा पसर गया।
डॉक्टरों के इस बंद के कारण ग्रामीण इलाकों से आए मरीजों को बिना इलाज कराए मायूस होकर लौटना पड़ा। बताते चले की 18 नवंबर तारीख को डॉ राजेश पासवान के साथ मारपीट की घटना हुई थी। हड़ताल पर डेट GMCH के डाक्टरों में एक वरिष्ठ डॉक्टर तथा भाषा के सचिव डा विकास ने कहा कि 17 नवंबर को पूर्णिया के लाइन बाजार के निकट मरीज की मौत पर डॉक्टर राजेश पासवान के क्लीनिक में तोड़फोड़ की गई थी। इस दौरान उनके साथ मारपीट और जानलेवा हमला हुआ था। उनकी नाजुक हालत को देखते हुए पहले तो उन्हे पटना इसके बाद दिल्ली के AIIMS रेफर कर दिया गया। जहां वे जिंदगी और मौत से जुझ रहे हैं। समूचे घटनाक्रम को लेकर वे पुलिस के रवैए से भी नाराज हैं। उस रोज पुलिस मूकदर्शक बनकर सारा तमाशा देखती रही। जिस वजह से बात इतनी आगे बढ़ी।
अक्सर डॉक्टरों के साथ मारपीट और जानलेवा हमला किया जाता है। अगर हमलीगों ने आवाज नहीं उठाई तो बार बार ऐसी वारदात होगी। उन्होंने कहा की कोई डाक्टर नही चाहता की उसके यहां आए कोई या किसी भी मरीज की जान जाए।प्रयास हमेशा यह होता है की हर तरह से सुरक्षित स्वास्थ्य लाभ देकर अपने मरीजों को फायदा पहुंचाया जाए।इसी के विरोध में जीएमसीएच की ओपीडी सेवा को पूरी तरह बंद रखा गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/नंदकिशोर/चंदा
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