17 जून को इब्राहिम अलैहि की सुन्नतों को किया जाए याद

17 जून को इब्राहिम अलैहि की सुन्नतों को किया जाए याद
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17 जून को इब्राहिम अलैहि की सुन्नतों को किया जाए याद




भागलपुर, 16 जून (हि.स.)। देश के प्रसिद्ध खानकाह-ए-पीर शाह के 15वें सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कहा कि त्याग और बलिदान का त्योहार बकरीद 17 जून को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा और खुदा की राह जानवरों की कुर्बानी कर सैयदना इब्राहिम अलैहि सलाह की सुन्नतों को याद किया जाएगा।

बकरीद का त्योहार बहुत अजमत और लोगों की भलाई का संदेश देता है। सज्जादानशीं ने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि बकरीद के दिन सुबह-सवेरे उठकर अपने मोहल्ले की मस्जिदों में फजर की नमाज अदा करें। ईदगाह या मस्जिद जाने से पहले गुसुल (स्नान) कर लें, अच्छा कपड़ा पहनें, खुशबु लगाएं और जिस्म की पाकी के साथ-साथ दिल और जुबान को भी पाक और साफ रखें।

उन्होंने कहा कि ईद-उल-अजहा की नमाज के लिए जाते समय अल्लाह की बढ़ाई और उसकी अजमत के कलेमात पढ़ते जाए और घर वापस आने पर जानवरों की कुर्बानी कर हजरत इब्राहिम अलैहि सलाह की सुन्नतों को याद किया जाए।

शाह हसन ने अपने संदेश में कहा कि त्योहार के अवसर किसी दूसरे धर्म के मानने वालों की किसी प्रकार का कष्ट न हो इसका खास ध्यान रखा जाए क्योंकि बकरीद का त्योहार आपस में भाईचारा और एकता का पैगाम देता। त्योहार के अवसर पर नगर निगम प्रशासन द्वारा जो गाइडलाइंस दिए गए हैं। उसका हर हालत में पालन होना चाहिए। कुर्बानी के बचे अवशेषों को इधर-उधर न फेंके बल्कि चिन्हित स्थानों पर ही इसे डम्प किया जाए। सज्जादानशीं शाह हसन ने बकरीद की पूर्व संध्या पर देश वासियों को बधाई दी है।

उन्होंने अपने संदेश में कहा कि त्याग और बलिदान का त्योहार शांतिपूर्ण और सादगी से मनाएं और प्रेम का पैगाम दूसरों तक पहुंचाए।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय

/चंदा

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