विश्व संस्कृति संसद में 127 संप्रदायो के प्रमुखों समेत 1500 संत-महंत रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर मे जुटे

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विश्व संस्कृति संसद में 127 संप्रदायो के प्रमुखों समेत 1500 संत-महंत रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर मे जुटे


विश्व संस्कृति संसद में 127 संप्रदायो के प्रमुखों समेत 1500 संत-महंत रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर मे जुटे


सहरसा,07 नवंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा के तत्वाधान में आयोजित इस वैश्विक सांस्कृतिक समागम संस्कृति संसद रूद्राक्ष अंतराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र वाराणसी मे जिले से महर्षि मेंही योगाश्रम सह रामानंद स्वामी तपोभूमि के आचार्य स्वामी देवव्रत बाबा को भी आमंत्रित किया गया था।सनातन भारत हमेशा से विश्व के लिए पथ प्रदर्शक रहा है।

देश भर से 127 संप्रदायो के प्रमुखों समेत 1500 संत-महंत रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर मे जुटे थे।चार दिनों में विद्वानों व धर्म मर्मज्ञों की चर्चा से निकले तथ्यों के आधार पर अखिल भारतीय संत समिति, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, गंगा महासभा,विश्व हिंदू परिषद व श्रीकाशी विद्वत परिषद ने प्रस्ताव पारित कर नौ सूत्रीय एजेंडा तय किया और सनातन हिंदू धर्मावलंवियो की राजनीतिक दलों से अपेक्षा की प्रेसवार्ता कर घोषणा की। कोई भी शक्ति किसी भी दशा मे समाज को विभाजित करने का कुचक्र न रचे,इसलिए एजेंडा घोषित किया जा रहा है।

नौं सूत्री एजेंडा में संविधान की धारा 30 में संशोधन कर सभी संप्रदायो को शैक्षिक, सांस्कृतिक संस्थान स्थापित करने का अधिकार देने,वक्फ एक्ट 1995 निरस्त कर संपत्ति का अधिकार व प्रक्रिया सभी संप्रदायों के जैसे ही धर्म विशेष को मिलने,संघीय कानून बनाकर समस्त मंदिरो को हिन्दू समाज को वापस देने,पर्यटन से अलग तीर्थाटन मंत्रालय बनाकर तीर्थो की शास्त्रीय मान्यताओं को ध्यान मे रखते हुए विकास करने, लव जिहाद और अवैध मंतातरण रोकने के लिए प्रभावी कानून बनाने,समान नागरिक संहिता लागू कर एक राष्ट्र, एक नागरिक, एक कानून लागू करने,जनजातीय समाज का कोई व्यक्ति मंतानतरित हो जाए तो उसे आरक्षण के दायरे से हटाने,अन्य मतावलंबियो की तरह मंदिर के पूजारियों को भी मानदेय देने तथा संतो को पासपोर्ट, आधार, मतदाता कार्ड आदि बनाने मे जैविक माता-पिता के नाम के वजह से दिक्कत आती है।इसलिए संत सेवा समिति बनाकर संतो की भौतिक कठिनाईयां दूर की जाए। मीडिया प्रभारी चंदन वर्मा ने बताया कि बनारस से लौटने के बाद देवव्रत बाबा का गाजे बाजे के साथ स्वागत किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय

/चंदा

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