युवा किसान शशि कई रंगों की गोभी,टमाटर तथा अन्य चीजें उपजाकर बने किसानों के आइकॉन


पूर्णिया 13 मार्च (हि. स.)। पूर्णिया के युवा किसान अपने खेतों में रंग बिरंगे गोबी की फसल लगा कर न सिर्फ पूर्णिया में बल्कि बिहार में अपनी अलग पहचान बनाई है । अब इनके फसल को देखने और सीखने के लिए दूर दूर से किसान आते है और खेती की बारीकियों को समझते है ।
आपने गोबी की परंपरागत रंग देखे होंगे लेकिन पिला ,लाल नीला रंग की गोबी कम ही देखी होगी । काले रंग की बंधा गोभी या काले रंग का टमाटर भी नही देखा होगा लेकिन पूर्णिया से 30 किलो मीटर दूर युवा किसान खेती में नए प्रयोग कर किसानों के साथ साथ कृषि विभाग का भी दिल जीत लिया है ।
शशि बताते है कि उनके खेतों में लगी सब्जी की फसल पूर्णतः जैविक है जो अपने नए रंगों के कारण बाजार में महंगे दामो में बिकते है । शशि सब्जी के अलावा छोटे स्तर पर मछली पालन , पॉली हाउस के माध्यम से सालो भर सब्जियों का उत्पादन करते है । इनकी माने तो इसके लिए देश और विदेशों में जा कर लाभकारी खेती का प्रशिक्षण लिया है ।
शशि की खेती को देखने के लिए दूर दूर से किसान आते है । किसान जितेंद्र और तारानंद झा कहते है कि शशि कर खेती किसानों का आई कॉन है लोग इनसे सीखते है और कम लागत में ज्यादा मुनाफा का मंत्र जानने आते है ।
शशि की खेती किसानी में किया गया मेहनत और इच्छा शक्ति ने शशि के उत्पाद को जिला और राज्य स्तर पर प्रदर्शित करने का मौका दिया है और अब शशि खेती के साथ साथ खेती की तकनीक सीखने के लिए भी इलाके में जाने जाते है । जरूरत है वैसे लोगों को सबक लेने की जो खेती को घाटे का सौदा मानते है और शशि से सिख लेने की।
हिन्दुस्थान समाचार/नंदकिशोर
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