असंगठित कामगार महासंघ का राज्य सम्मेलन 26 मार्च को पटना में



भागलपुर, 13 मार्च (हि.स.)। मजदूरों की समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष को तेज करने के सवाल पर सोमवार को ऑल इण्डिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) के जिला कमिटी की मीटिंग स्थानीय सुरखीकल स्थित जिला यूनियन कार्यालय में हुई। बैठक में मुख्य रुप से आगामी 26 मार्च को पटना में आयोजित असंगठित कामगार महासंघ'' के राज्य सम्मेलन की तैयारी और 4 अप्रैल को विधानसभा के समक्ष होने वाले मजदूरों के विरोध प्रदर्शन में व्यापक भागीदारी पर जोर दिया गया।

ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र की फासीवादी मोदी सरकार द्वारा पूर्व में मजदूर हित के लिए बने श्रम कानूनों को रद्द कर मजदूर विरोधी मालिकपरस्त नया लेबर कोड कानून लागू किया जा रहा है। न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को दरकिनार कर ''फ्लोर लेवल'' मजदूरी का प्रावधान लाया गया है, जो न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है। राज्य की नीतीश सरकार भी लगातार मजदूर हित की अनदेखी कर रही है। 26 मार्च का राज्य सम्मेलन और 4 अप्रैल को मजदूरों का विरोध प्रदर्शन, मजदूर विरोधी लेबर कोड को रद्द करने, सामाजिक सुरक्षा, सम्मान व काम की गारंटी आदि सवालों को प्रमुखता से उठाएगा।

निर्णयों की जानकारी देते हुए मुकेश मुक्त ने बताया कि 26 मार्च के राज्य सम्मेलन में असंगठित क्षेत्र के विभिन्न ट्रेडों में काम करने वाले भागलपुर जिला से 24 चयनित मजदूर प्रतिनिधि शामिल होंगें। 4 अप्रैल को विधानसभा के समक्ष होने वाले प्रदर्शन में भागलपुर जिला के सैकड़ों मजदूर शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष विष्णु कुमार मंडल ने की। इस मौके पर राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, जिला कोषाध्यक्ष सुरेश प्रसाद साह, संयुक्त सचिव सुभाष कुमार, आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय

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