जिला स्तर पर मानवाधिकार आयोग का गठन हो : अधिवक्ता विचार मंच
पूर्णिया, 10 दिसम्बर (हि.स.) । अधिवक्ता विचार मंच के तत्वाधान में व्यवहार न्यायालय स्थित मुख्तर खाना में मानवाधिकार दिवस पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया । जिसकी अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष सह अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने की जबकि मंच का संचालन अधिवक्ता अरुण भास्कर उर्फ गौतम वर्मा ने किया।
इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा की संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपने और सम्मान करने के लिए 10 दिसम्बर 1948 को इस मुहूर्त रूप दिया गया । मानवाधिकारों की संरक्षण और संवर्धन के लिए एक वैश्विक मापदंड मानवाधिकार की घोषणा है । मानवाधिकार मनुष्य के मूल भूत सार्वभौमिक अधिकार हैं जिन में मनुष्य को जाती, राष्ट्रीयता ,धर्म लिंग आदि किसी भी दूसरे कारक के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता है।
अधिवक्ताओं ने कहा कि सभी व्यक्तियों को गरिमा और अधिकारों के मामले में जनजाति स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 37 मानवाधिकारों की रक्षा की बात करता है । मानवाधिकार के प्रस्तावना एवं उसके 30 अनुच्छेद जिसमें अनुच्छेद एक से 20 तक व्यक्ति के नागरिक तथा राजनीतिक अधिकारों की व्याख्या की गई है तथा 21 से 30 तक व्यक्ति के सामाजिक , सांस्कृतिक एवं आर्थिक अधिकारों को सम्मिलित किया गया है।
इस मौके पर अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक, गौतम वर्मा ,राजकुमार झा ,राजेश कुमार झा ,मोहम्मद मुस्ताक आलम ,सुशील चंद्र झा ,मनोज झा, संजीव सिंह ,सुशील कुमार, पप्पू आशुतोष झा प्रवीण पासवान आदि के साथ बड़ी संख्या में अधिवक्ता गण मौजूद थे।
हिंदुस्थान समाचार/नंदकिशोर
/गोविन्द
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