पश्‍चि‍मी वि‍क्षोभ : आखि‍र क्‍या बला है ये, जो हर साल जाड़े में बारि‍श का कारण बनता है ? 

What is Western Disturbance which causes rain every year in winter
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देश के उत्‍तरी भाग में हर साल जाड़े में बारि‍श, हि‍मपात और कभी कभी हि‍मस्‍खलन का कारण बनने वाला पश्‍चि‍मी वि‍क्षोभ एक बार फि‍र भारत के ऊपर मंडरा रहा है। इसके चलते उत्‍तर भारत के कई इलाके भीषण ठंड और कहीं रि‍मझि‍म तो कहीं तेज बारि‍श से सराबोर हैं। हर साल मीडि‍या में हम इस शब्‍द 'पश्‍चि‍मी वि‍क्षोभ' या 'वेस्‍टर्न डि‍स्‍टर्बन्‍स' का नाम सुनते हैं, लेकि‍न क्‍या आप जानते हैं कि‍ आखि‍र ये पश्‍चि‍मी वि‍क्षोभ क्‍या है, जो हर साल जाड़े के मौसम में जम्‍मू कश्‍मीर से लेकर बांग्‍लादेश तक बारि‍श का कारण बनता है। 

क्‍या है पश्‍चि‍मी वि‍क्षोभ 
पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला एक तूफान है। ये तूफान भूमध्‍यसागरीय क्षेत्र से पूरब दि‍शा की ओर तकरीबन 12 मीटर प्रति‍ सेकेंड की रफ्तार से यात्रा करता है। रास्ते में ये तूफान भूमध्य सागर, काला सागर, कैस्पियन सागर और अरब सागर से नमी लेते हुए पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भागों में अचानक सर्दियों में बारिश लाता है। ये हवाएं अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत की ओर अधिक ऊंचाई और तेज हवाओं के साथ यात्रा करती हैं जो पृथ्वी की सतह के ऊपर पश्चिम से पूरब दि‍शा की ओर बहती हैं। इससे होने वाली बरसात मानसून की बरसात से अलग होती है। यह एक गैर-मानसून वर्षा पैटर्न है और यह पछुआ हवाओं (westerlies) द्वारा संचालित होता है। सर्दियों के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ काफी मजबूत होते हैं। 

क्यों कहते हैं इसे पश्चिमी विक्षोभ
दरअसल, जब अशांत हवाएं कम दबाव वाले क्षेत्र में होती हैं और भारत के संबंध में चूंकि‍ ये पश्चिम दिशा से आती हैं, इसलिए इसका नाम पश्चिमी विक्षोभ है।

क्या होता है जब पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की ओर बढ़ता है?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की न्यूमेरिकल स्टडी ऑफ़ वेस्टर्न डिस्टर्बन्स ओवर वेस्टर्न हिमालयाज यूजिंग मेसोस्केल मॉडल के अनुसार जब पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की ओर आता है तो इनकी नमी बारिश और बर्फ के रूप में बदल जाती है। कभी-कभी वे उत्तरी पहाड़ी राज्यों जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर पूर्वी राज्यों की ओर बढ़ते हैं, जबकि अन्य समय में वे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए दक्षिण की ओर बढ़ते हैं।

फायदेमंद भी होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ मौसम के हिसाब से हमेशा नुकसानदेह नहीं होते हैं। हालांकि‍ पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के निचले क्षेत्रों में कम से बहुत अधिक बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी हिमपात ला सकता है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आकाश में बादल छा जाते हैं और रात का तापमान बढ़ जाता है, असमय वर्षा होती है। इस वर्षा का खेती के लिए, खासकर रबी की फसलों के लिए बड़ा फायदा होता है, जि‍समें गेहूं की फसल भी शामि‍ल है।

प्रलय भी मचाता है पश्चिमी विक्षोभ
कभी-कभी पश्चिमी विक्षोभ के कारण बाढ़, फ्लैश फ्लड, भूस्खलन, धूल भरी आंधी, ओलावृष्टि और ठंडी लहरों से जनजीवन को काफी नुकसान पहुंचाता है। यदि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश अधिक होती है तो इससे फसल नष्ट हो सकती है। हिमस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं से बुनियादी ढांचे नष्ट होने और आजीविका को प्रभावित करने जैसे चरम मौसम की घटनाएं हो सकती हैं।

कैसे बनता है पश्‍चि‍मी वि‍क्षोभ?
जैसा कि‍ हमने पहले ही बता दि‍या है कि‍ पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं। यूक्रेन और उसके आस-पास एक उच्च दबाव का क्षेत्र समेकित (consolidate) बनता है। इस समेकन के परिणामस्वरूप ध्रुवीय क्षेत्रों से ठंडी हवा का प्रवेश उच्च नमी और गर्म हवा वाले क्षेत्र की ओर होता है। यह ऊपरी वायुमंडल में साइक्लोजेनेसिस (cyclogenesis) के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करता है, जिससे पूर्व की ओर बढ़ने वाले अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय अवसाद (extra-tropical depression) का निर्माण होता है। इसके बाद यह विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप की ओर यात्रा करता है, जब तक कि हिमालय इसे रोक नहीं देता। इसके बाद यह डिप्रेशन तेजी से कमजोर होता है, परि‍णाम स्‍वरूप सर्दि‍यों में बारि‍श और हि‍मपात होते हैं। 

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