सर्दियों के मौसम में गर्भवती महिलाएं रखे इन बातों का ध्यान
वाराणसी। सर्दियों के मौसम में गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। उन्हें अपनी सेहत एवं डाइट का ख्याल रखना पड़ता है। सर्दियों में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सर्दी, जुकाम, खांसी, फ्लू आदि की समस्या हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर के परामर्श के बिना ली जाने वाली दवाएं शिशु के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संसथान की सीनीयर रेसिडेंट डॉ संध्या बताती हैं कि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान महिलाएं ताज़े फल सब्जियां, नट्स, विटामिन सी से भरपूर आहार जैसे संतरा आदि और ब्रोकली का सेवन करें जिससे महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो और सर्दी जुकाम से लड़ने में मदद मिले। इसके अलावा ठंडे खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज़ करें।
गर्भावस्था के दौरान स्त्री के भोजन में कैल्शियम, प्रोटीन तथा विटामिन का समुचित मात्रा में होना बहुत ही आवश्यक होता है। कैल्शियम-दूध से बनी सभी वस्तुएं जैसे पनीर, दही, मक्खन,अंडे इत्यादि में कैल्शियम काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है।
डॉ संध्या ने बताया कि आइरन से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन भी महिलाओं को करना चाहिये हरी तथा पत्तेदार सब्जियां, गुड़, अंकुरित मूंगदाल, भूना चना, अनार, सेव, चुकुंदर और सोयाबीन का भी सेवन करना लाभदायत होता है। इन सब में लौह तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है।
गर्भावस्था में बच्चे के शरीर की रचना के लिए प्रोटीन बहुत ही आवश्यक है जो दाल, अंडे आदि में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। फोलिक एसिड-बच्चे के पैदा होने और शारीरिक विकास में बहुत ही आवश्यक होता है। फोलिक एसिड गहरे रंग वाली हरी सब्जियों, मक्का, मक्के का आटा, चावल, केला तथा ब्रॉकली में पूर्ण रूप से पाया जाता है। ठंड के मौसम में अक्सर गर्भवती स्त्रियां एक ही स्थान पर ज्यादा देर तक बैठी रह जाती हैं। ऐसा उचित नहीं है, उन्हें हल्के-फुल्के कार्य एवं डॉक्टर की सलाह से व्यायाम करना चाहिए। कार्य एवं व्यायाम के दौरान गर्मी का एहसास होने पर तुरंत कपड़े नहीं उतारना चाहिए। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े एवं पैरों में मोजे पहने।
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