पंजाब के मुख्यमंत्री पूरे लॉकडाउन के पक्ष में नहीं, ढिलाई पर चेताया
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य में सख्त तालाबंदी का आदेश देने से मना कर दिया है, क्योंकि इससे गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा, प्रवासी मजदूर फिर पलायन करेंगे और उद्योगों में फिर से अराजकता आ जाएगी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर लोग प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन नहीं करते हैं, तो कोविड के बढ़ते मामलों के कारण राज्य सरकार को कठोर कदम उठाने पड़ सकते हैं।
राज्य के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में कहा कि मौजूदा प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।
कोविड के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए उच्चस्तरीय आभासी बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मुख्यमंत्री ने सोमवार को रेस्तरांओं पर पाबंदी लगा दी, क्योंकि युवा खाने-पीने का सामान लेने के बहाने घर से निकल आते थे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रेस्तरांओं को सिर्फ भोजन की होम डिलीवरी की अनुमति दी जानी चाहिए। साथ ही कहा कि
खाद बेचने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को अपने पीड़ित मजदूरों के टीकाकरण और उपचार के लिए अपने सीएसआर फंड का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हल्के या मध्यम स्तर की बीमारी में लोग घर में ही रहकर इलाज कराएं, ताकि अस्पतालों पर दबाव कम हो सके।
--आईएएनएस
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